विज्ञान

नासा ने एक बार फिर इंसानों को चांद पर पहुंचाने का मिशन शुरू किया

Subhi
7 Dec 2022 4:06 AM GMT
नासा ने एक बार फिर इंसानों को चांद पर पहुंचाने का मिशन शुरू किया
x
नासा के आर्टेमिस-1 मिशन का मानव रहित ओरियन कैप्सूल (Orion Capsule) सोमवार को चांद की सतह के सबसे करीब पहुंच गया। ये कैप्सूल चांद की सतह के 130 किमी के ऊपर था।

नासा के आर्टेमिस-1 मिशन का मानव रहित ओरियन कैप्सूल (Orion Capsule) सोमवार को चांद की सतह के सबसे करीब पहुंच गया। ये कैप्सूल चांद की सतह के 130 किमी के ऊपर था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि कैप्सूल का चंद्र फ्लाईबाई अपने वापसी के रास्ते पर है। चांद के लगभग 130 किमी नजदीक से गुजरने के बाद ओरियन ने अपने फ्लाई बाई बर्न के थ्रस्टर्स को चालू किया। इसे वाहन का वेग बदलने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस थ्रस्टर के चालू होने के बाद अब कैप्सूल धरती पर वापस लौट रहा है। 3.5 मिनट जलने भर से ये कैप्सूल पृथ्वी की ओर बढ़ने लगा। 11 दिसंबर को यह पैराशूट के जरिए समुद्र में लैंड करेगा। पिछली बार इंसानों को चांद पर पहुंचाने के लिए इस तरह का स्पेस क्राफ्ट अपोलो कार्यक्रम के दौरान डिजाइन किया गया था। अपोलो 17 आखिरी मिशन था, जिसके जरिए 50 साल पहले जीन सर्नन और हैरिसन श्मिट चांद की सतह पर पहुंचे थे। नासा ने 1969 से 1972 तक कुल छह अपोलो मिशन चलाया और 12 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा।

हालांकि ओरियन कैप्सूल में कोई भी अंतरिक्ष यात्री नहीं था। इसमें तीन पुतलों के साथ एक सिमुलेटेड चालक दल था। इसने अपने मिशन के 13वें दिन पिछले किसी भी क्रू-क्लास अंतरिक्ष यान की तुलना में सबसे ज्यादा उड़ान भरी। यह पृथ्वी से 432,210 किमी दूरी पर पहुंच गया। जो 1970 में अपोलो 13 के चालक दल की ओर से निर्धारित रिकॉर्ड दूरी से लगभग 32,186 किमी ज्यादा था। अपोलो 13 मिशन की चांद पर लैंडिंग को यान में खराबी के कारण निरस्त कर दिया गया था।

आर्टेमिस मिशन का लक्ष्य एक बार फिर से इंसानों को चांद पर ले जाना है। यहां एक बेस बनाया जाएगा। मंगल ग्रह पर यहीं से इंसानों को भेजा जाएगा। आर्टेमिस-1 के सफल होने के बाद चंद्रमा के लिए आर्टेमिस-II मिशन लॉन्च होगा। इसमें अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा। इसके कुछ वर्षों में आर्टेमिस-III मिशन लॉन्च होगा, जिसके जरिए चांद पर इंसानों को उतारा जाएगा। इस मिशन के लगभग डेढ़ दशक में पूरा होने की उम्मीद है।


Next Story