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नासा ने 62 करोड़ किलोमीटर दूर एक चंद्रमा पर खोज निकाला नमक
अमेरिकी :अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जूनो मिशन को बड़ी सफलता मिली है। जून स्पेस यान ने बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा गेनीमेड पर एक दिलचस्प खोज की है। दो साल पहले, जूनो स्पेस यान पर जोवियन इंफ्रारेड ओरोरल कॉमर्स (JIRAM) स्पेक्ट्रोमेट्रिक ने, इसके क्लोज फ्लाइट भरते हुए, गैनीमेड की सतह का डेटा एक साथ किया था। इससे पता चला है कि गैनीमेड की सतह पर खनिज लवण और औषधीय पौधे लगे हुए हैं। इस स्टडी स्टडी नेचर डॉट कॉम में प्रकाशित हुआ है।
गेनीमेड बृहस्पति का सबसे बड़ा चंद्रमा है। आकार में यह बुध ग्रह से भी बड़ा है। झील का मानना है कि इसकी बर्फीली सतह के नीचे एक महासागर छिपा हुआ है। यही कारण है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक इसका पता लगाना चाहते हैं। जूनो स्पेस यान 2016 में बृहस्पति की कक्षा में उद्घाटन हुआ था। टैब से यह कॉन्स्टेंट अपनी निगरानी रख रहा है। इस साल 8 अप्रैल को जूनो ने बृहस्पति के करीब से अपना 50वां पास पूरा किया। इसका मतलब यह है कि अंतरिक्ष यान ने बृहस्पति के चारों ओर 50 चक्कर लगाए। यह अंतरिक्ष यान बृहस्पति के चंद्रमाओं की भी खोज कर रहा है, जिसमें जेनीमेड प्रमुख हैं।
गैनीमेड पर लवण और सिगरेट के घटकों का अध्ययन सबसे पहले लिया गया था। यह संकेत उन्हें हबल टेलीस्कोप के डेटा से मिला था, लेकिन इसकी पुष्टि अब हुई है, जब जूनो स्पेस यान ने डेटा एक साथ किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जूनो स्पेस यान ने 7 जून, 2021 को 1,046 किलोमीटर की दूरी पर गेनीमेड के ऊपर से उड़ान भरी। जूनो पर JIRAM डिवाइसेस ने गैनीमेड से डेटा एकत्र किया। डिजिटल के लिए बृहस्पति दिलचस्प है, उसका चंद्रमा भी महत्वपूर्ण है। अब तक मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि बृहस्पति के चंद्रमा का आकर्षण, गुण और जीवन से समानता हो सकती है।
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