विज्ञान

NASA: सौर विकरण से तैरेगा जूते के डिब्बे के आकार का अंतरिक्ष यान

Gulabi
20 July 2021 12:44 PM GMT
NASA: सौर विकरण से तैरेगा जूते के डिब्बे के आकार का अंतरिक्ष यान
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आर्टिमिस मिशन के साथ जाएगा यान

हमारे सौरमंडल (Solar System) और पृथ्वी के निर्माण के रहस्यों को जानने के लिए हमारे वैज्ञानिक तरह तरह के अभियान अंतरिक्ष में भेजते रहे हैं. ये अभियान आमतौर पर किसी ग्रह या फिर उसके उपग्रह का ही अन्वेषण करते पाए गए हैं. अपने सवालों के जवाब जानने के लिए वैज्ञानिकों को क्षुद्रग्रहों से भी काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है जो सौरमंडल के निर्वात में तैर रहे हैं. इस बार नासा (NASA) स्काउट नाम का एक कृत्रित क्षुद्रग्रह या नियर अर्थ एस्टेरॉइड (NEA) अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में हैं. इस यान की खासियत यह है कि यह जूते के डिब्बे के आकर का होगा और इसे सौर विकरण से चलने की गति मिलेगी.


आर्टिमिस मिशन के साथ जाएगा यान
यह खास तरह का क्यूबसैट अपनी यात्रा नासा का आर्टिमिस एक मिशन के साथ शुरू करेगा जो नासा का बिना यात्रियों वाला यान चंद्रमा पर जा रहा है. क्यूबसैट का सौरविकिरण का उपोयग आगे चलने के लिए करेगा जिस तरह समुद्र में जहाज के पाल हवा का उपयोग करके आगे बढ़ते हैं. अंतरक्ष में हवा काम सूर्य से निकलने वाले फोटोन करेंगे जो हमेशा ही अंतरिक्ष में बहते रहते हैं.

क्या है NEAस्काउट मिशन
यह छोटा सा अंतरिक्ष यान एक बड़े जूते के डिब्बे के आकार का ही है. एनईए स्काउट पहले अंतरग्रहीय अभियान है जो सूर्य की किरणों के फोटोन की बहने की ताकत अंतरिक्ष में तैरेगा. यह यान दो साल की यात्रा के बाद पास के क्षुद्रग्रह के करीब से गुजरेगा. अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद यह यान अपने कैमरे सा क्षुद्रग्रह के करीब 10 सेमी प्रति पिक्सल की तस्वीरें लेगा जिनका उपयोग वैज्ञानिक इनका अध्ययन करेंगे.
क्या अध्ययन होगा इससे
इस अभियान के प्रिंसिपल साइंस अन्वेषण कर्ता जूली कास्टिलो रोगेज ने एक बयान में बताया, "NEA स्काउट की ली गई तस्वीरों से वैज्ञानिकों को क्षुद्रग्रह की भौतिक विशेषताओं के बारे में पता चलेगा जिसमें कक्षा, आकार, आयतन, घूर्णन, उसके आसपास की धूल और अवशेष के साथ सतही विशेषताएं शामिल हैं. लेकिन अभी तक अंतरिक्ष यान सौर ऊर्जा से शक्ति पाने वाले ही रहे हैं
पहली बार होगा इस तरह का प्रयोग
यह पहली बार है जब अंतरिक्ष यान सौर ऊर्जा का उपयोग हवा की तरह करेगा और खास काम करेगा और सौर फोटोन का उपयोग आगे बढ़ने के लिए करेगा. इंजीनियर ने एक खास एल्यूमीनियम परत वाली एक पतली पाल का निर्माण किया है जो वैसे तो इंसान के बाल से भी पतली है, लेकिन उसका आकार एक रैकेटबॉल कोर्ट के जितना बड़ा है जो एक बार क्यूबसेट के छूटने से काम करने शुरू कर देगी.
क्षुद्रग्रह तक पहुंच
नासा का कहना है कि ऊर्जावान कण फोटोन सूर्य से उत्सर्जित होते हैं. और अंतरिक्ष यान के पाल से टकराकर वे उसे और आगे ढकेलेंगे. समय के साथ लगातार धक्का लगने से अंतरिक्ष यान को उच्च वेग का त्वरण मिलेगा जिससे वे अंतरिक्ष में सफर करते हुए क्षुद्रग्रह तक पहुंच सकेंगे. यह यान सोलर क्रूजर के लिए रास्ता साफ करेगा जो साल 2025 में 16 गुना ज्यादा बड़े पाल का उपयोग करेगा.
क्षुद्रग्रह हमारे सौरमंडल के उत्पत्ति के समय की जानकारी रखने वाले पिंड माने जाते हैं. हमारे सौरमंडल में सूर्य के अलावा सभी कुछ सूर्य से ही अलग हुआ है और उनमें क्षुद्रग्रह शामिल हैं, लेकिन सूर्य से दूर होने के बाद उनमें बदालव नहीं हुआ है इसलिए वे सौरमंडल के शुरुआती समय की जानकारी समेटे हुए पिंड हैं. इसके अलावा ये क्षुद्रग्रह पृथ्वी के लिए खतरा भी होते हैं. उनके बारे में समझ कर उनसे निपटने के प्रभावी तरीके भी पता लगाए जा सकते हैं.
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