विज्ञान

चांद पर दिखी रहस्यमयी झोपड़ी, कही एलियन की तो नहीं?

jantaserishta.com
8 Dec 2021 6:44 AM GMT
चांद पर दिखी रहस्यमयी झोपड़ी, कही एलियन की तो नहीं?
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बीजिंग: चांद पर वैज्ञानिक खोज कर रहे चीन के एक रोवर ने चांद की सतह पर काफी दूरी पर एक आकृति देखी है, जो रहस्यमयी है. यह एक चौकोर आकृति है. जिसे रहस्यमयी झोपड़ी (Mysterious Hut) या एलियन झोपड़ी (Alien Hut) भी कहा जा रहा है.

जिस रोवर ने इस रहस्यमयी एलियन झोपड़ी को खोजा है, उसका नाम यूतु-2 है. जिसका चीनी भाषा मैंडेरिन में मतलब होता है जेड रैबिट (Jade Rabbit). लेकिन चीन के वैज्ञानिक अपने रोवर को उस आकृति की तरफ ले जाने से डर रहे हैं.
चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) के मुताबिक यूतु-2 रोवर चांद के उत्तर की तरफ बढ़ रहा था, तभी उसे दूर एक रहस्यमयी आकृति दिखाई दी. रोवर से इस रहस्यमयी एलियन झोपड़ी (Mysterious Alien Hut) की दूरी करीब 260 फीट है. लेकिन चीन के वैज्ञानिक अपने रोवर को उस आकृति के करीब जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. न ही हिम्मत जुटा पा रहे हैं.
इस रहस्यमयी एलियन झोपड़ी (Mysterious Alien Hut) के पास एक छोटा इम्पैक्ट क्रेटर है. यह आकृति दूर से दिखने में चौकोर दिखती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इम्पैक्ट क्रेटर के बनते समय इस कुछ पत्थरों ने एकदूसरे के ऊपर आकर ऐसी आकृति का निर्माण किया है. ऐसा भी हो सकता है कि ये चांद का कोई बड़ा पत्थर हो जो इम्पैक्ट क्रेटर के बनते समय बाहर निकल कर उससे थोड़ा दूर छिटक कर टिक गया हो.
CNSA के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यूतु-2 रोवर को हम उसके करीब लेकर जाएंगे तो करीब 2-3 महीने की यात्रा होगी. क्योंकि यूतु-2 रोवर की गति बेहद धीमी है. ये इलाका चलने के हिसाब से कठिन है. काफी ज्यादा पथरीला रास्ता है. इस काम में यूतु को 2 से तीन लूनर दिन या रात लग सकते हैं. जिससे रोवर की ऊर्जा खत्म हो जाएगी. दूसरी बात ये है कि जिस तरफ ये रहस्यमयी एलियन झोपड़ी (Mysterious Alien Hut) है, वहां पर सूरज की रोशनी सीधे नहीं आती, इसलिए रोवर के बंद होने की आशंका है.
आपको बता दें कि चीन ने जनवरी 2019 में चांद के फार साइड वाले इलाके में चांग-ई 4 लूनर लैंडर भेजा था. इसमें से यूतु-2 रोवर निकला जो पिछले 37 लूनर दिनों में 186 किलोमीटर की दूरी तय की है. कई तस्वीरें ली हैं. लेकिन इस रोवर को ऐसी हैरान कर देने वाली तस्वीर पहली बार मिली है. इसलिए चीन ही नहीं, दुनियाभर के वैज्ञानिक काफी ज्यादा हैरान हैं.


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