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नौसेना के जंगी बेडे में शामिल हुई पनडुब्बी
बता दें कि शुक्रवार को ही विदेश मंत्रालय ने म्यांमार को अपनी एक किलो-क्लास पनडुब्बी, आईएनएस सिधुवीर देने की घोषणा की थी और आज इस पनडुब्बी ने म्यांमार नौसेना की जंगी बेड़े में शामिल होकर अपना युद्धभ्यास भी शुरू कर दिया. म्यांमार के युद्धपोतों के साथ इस भारतीय पनडुब्बी का एक वीडियो भी सामने आया है. इस दौरान म्यांमार नौसेना के बड़े अधिकारी भी वहां मौजूद थे. म्यांमार ने भारत द्वारा दी गई इस सबमरीन को 'मिन ये थेन खा थु' नाम दिया है. भारत ने इस आईएनएस सिंधुवीर को 1988 में रूस से लिया था और म्यांमार को देने से पहले विशाखापट्टनम में पनडुब्बी को 'रिफर्बिस' यानि लगभग सभी सिस्टम नए लगाए गए हैं.
भारत और म्यांमार के संबंध हुए घनिष्ठ
बता दें कि पिछले कई दशक से म्यांमार और चीन के बीच काफी नजदीकियां थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत और म्यांमार में काफी करीबी संबंध हो गए हैं. यही वजह है कि चीन के मुकाबले बेहद कम पनडुब्बी होने के बावजूद भारत ने अपनी एक किलो-क्लासन(डीजल) पनडुब्बी, सिंधुवीर को म्यांमार को दे दी है.
साल 2015 में दोनो देशों के बीच बने मजबूत सैन्य संबंध
दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य संबंधों की शुरूआत खासतौर से वर्ष 2015 में हुई जब भारत ने म्यांमार सीमा में घुसकर क्रॉस बॉर्डर रेड की थी और बड़ी संख्या में उग्रवादियों के कैंप सहित उग्रवादियों का सफाया किया था. उसके बाद म्यांमार ने भी भारत से सटी सीमा पर सक्रिय उग्रवादियों पर एक बड़ी कारवाई की थी. उस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), अजीत डोभाल ने म्यांमार की यात्रा की थी.
भारत, म्यांमार को दे रहा है 500 बीपी जैकेट्स
इसी महीने की शुरूआत में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और विदेशी सचिव हर्ष वी श्रृंगला दो दिनों की म्यांमार दौर पर गए थे. उस दौरान जनरल नरवणे ने म्यांमार के कमांडर इन चीफ को दो बुलेट-प्रूफ जैकेट गिफ्ट के तौर पर दी थीं. दरअसल, भारत म्यांमार को 500 बीपी जैकेट्स भी दे रहा है. इसके अलावा टैंक के गोले, रडार और सोनार तक भी भारत म्यांमार को दे रहा है. इससे पहले भी भारत ने यंगून (रंगून) को टॉरपीडो भी दी थीं. कोविड से लड़ने में भी भारत पड़ोसी देश म्यांमार की मदद कर रहा है. इसके अलावा उत्तर-पूर्व राज्यों को म्यांमार से जोड़ने के लिए कालडन-प्रोजेक्ट पर भी दोनों देश तेजी से काम कर रहे हैं.
भारय और म्यांमार के बीच अब भी है सीमा विवाद
हलांकि भारत और म्यांमार के बीच अभी भी सीमा को लेकर थोड़ा विवाद है जिसके चलते ही अभी तक बॉर्डर का डिमार्केशन नहीं हो पाया है और भारत सीमा की तारबंदी नहीं कर पाया है. इसको लेकर लेकिन दोनों देश अब लगातार बातचीत कर रहे हैं और दोनों देशों की बॉर्डर गार्डिंग फोर्स सीमा पर ही बैठक करती हैं.