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अफगानिस्तान में इन दिनों एक आंकड़े ने चिंता बढ़ाई हुई है. वहां प्रसव के दौरान मरने वाली माताओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है. वहां माताओं की मौत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा है. जानकारों की मानें तो साल 2025 तक तालिबानी शासित अफगानिस्तान में 51 हजार मातृ मृत्यु की संभावना है. इसका कारण है कि तालिबान राज में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और बढ़ती गरीबी. ऐसे माहौल में महिलाओं पर सबसे ज्यादा फर्क पड़ रही है.
क्या होता है मातृ मृत्यु दर?
मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख जन्म पर प्रजनन या गर्भावस्था की जटिलताओं की वजह से होने वाली माताओं की मृत्यु को कहा जाता है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अफगानिस्तान में प्रति एक लाख जन्म पर 638 माताओं की मौत हुई है जो कि अन्य देशों के मुकाबले सबसे अधिक है.
इसे कैसे सुधारा जाए?
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अफगानिस्तान में साल 2018 में 100,000 जीवित जन्मे बच्चों में 396 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो गई, जो इसके पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम थी. वहीं, साल 2022 में यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो चुकी है. अफगानिस्तान के सुदूर क्षेत्रों में करीब 24 हजार महिलाएं हर महीने बच्चे पैदा करती है. फिलहाल ऐसी परिस्थिति से उबरने के लिए जरूरी है कि इन क्षेत्रों में तत्काल प्रशिक्षित नर्सों और दाइयों की भर्ती की जाए.
अमेरिका से सहायता मिलना हुई बंद
गौरतलब है कि तालिबानी राज से पहले देश को चिकित्सा क्षेत्र के लिए सालाना 1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक रुपये सहायता के तौर पर मिल रहे थे. लेकिन पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान ने कब्जा कर लिया. इसके बाद से वहां आर्थिक संकट है.
अफगानिस्तान में भारी संकट
फिलहाल अफगानिस्तान भुखमरी, बेरोजगारी और गरीबी की समस्या से जूझ रहा है. देश में मानवीय संकट विश्व के सबसे निचले स्तर पर है। 2005 के बाद से अफगानिस्तान में किसी भी देश के लिए उच्चतम स्तर की पीड़ा है.