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कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए दुनियाभर में रिसर्च चल रही
कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए दुनियाभर में रिसर्च चल रही है. वैज्ञानिक सबसे ज्यादा रिसर्च कोरोना की जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) पर कर रहे हैं. क्योंकि कोरोना वायरस का म्यूटेशन (Mutation) लगातार हो रहा है. कोरोना (Corona) लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है.
172 देशों में 10 लाख जीनोम सिक्वेंसिंग
वेदर चैनल इंडिया के ट्वीट के अनुसार, दुनिया के 172 देशों में अभी तक 10 लाख से ज्यादा जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) हो चुकी है. द ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग एवियन इन्फ्लूएंजा डेटा ने रिपोर्ट जारी कर यह जानकारी दी.
कोरोना के नए वैरिएंट का ऐसे चलेगा पता
One Million #Coronavirus Genomes Have Been Sequenced from 172 Countries So Far: Reporthttps://t.co/RdCDKqMxbp
— The Weather Channel India (@weatherindia) April 26, 2021
(📸: Alissa Eckert, MSMI; Dan Higgins, MAMS) pic.twitter.com/h98r7w29C1
जान लें कि जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) से मिली जानकारी वैज्ञानिकों के लिए बहुत जरूरी है. रिसर्चर्स को इस डेटा से कोरोना और उसके नए-नए वैरिएंट के बारे में जानकारी मिलेगी. इसके साथ ही ये भी पता चलेगा कि अलग-अलग देशों में कौन सा कोरोना वायरस (Coronavirus) मौजूद है.
जीनोम सिक्वेंसिंग का डेटा
द ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग एवियन इन्फ्लूएंजा डेटा (GISAID) के साइंटिफिक एडवाइजर (Scientific Advisor) सेबेस्टियन के मुताबिक, सभी देश जीनोम सिक्वेंसिंग का डेटा GISAID के प्लेटफॉर्म पर डाल रहे हैं. इस डेटा से मालूम किया जा सकता है कि दुनिया के किस देश में कोरोना वायरस कौन से रूप में है. इससे यह भी पता चल सकता है कि कोरोना का कौन सा वैरिएंट किस वैक्सीन से जल्दी निष्क्रिय हो रहा है.
फ्लू के डेटा के लिए GISAID की शुरुआत
बता दें कि फ्लू से जुड़ा डेटा तैयार करने के लिए साल 2016 में GISAID की शुरुआत हुई थी. कोरोना वायरस (Coronavirus) की जीनोम सक्वेंसिंग से जुड़ा डेटा पहली बार चीन ने जनवरी, 2020 में GISAID के प्लेटफॉर्म पर डाला था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने भी जीनोम का डेटा प्लेटफॉर्म पर डालना शुरू किया. इस वक्त दुनियाभर के 172 देश GISAID के प्लेटफॉर्म पर कोरोना वायरस के जीनोम सिक्वेंसिंग से जुड़ा डेटा अपलोड कर चुके हैं.
गौरतलब है कि कुछ देशों ने तो ज्यादा मात्रा में जीनोम सिक्वेंसिंग के डेटा को अपलोड किया है. यूनाइटेड किंगडम (UK) ने 3,79,510 और अमेरिका (US) ने 3,03,359 जीनोम सिक्वेंसिंग का डेटा शेयर किया है.
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