विज्ञान

अंतरिक्ष से भी बरसते हैं पैसे, जानें कैसे

Gulabi
22 March 2021 4:34 PM GMT
अंतरिक्ष से भी बरसते हैं पैसे, जानें कैसे
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क्‍यूबा में श‍निवार को एक उल्‍कापिंड आसमान से गिरा है

क्‍यूबा में श‍निवार को एक उल्‍कापिंड आसमान से गिरा है. शनिवार को पूर्वी क्‍यूबा में गिरे इस उल्‍कापिंड की वजह से भारी विस्‍फोट हुआ है. इस उल्‍कापिंड की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की या फिर किसी के घायल होने की कोई खबरें नहीं हैं.क्‍यूबा के नेशनल से‍समोलॉजिक सर्विस की तरफ से बताया गया हे कि यह असाधारण घटना मोआ, सागुआ, टानामो और माइसी में हुई है.

संगठन की मानें तो उसकी तरफ से विस्‍फोटकों की एक बड़ी रेंज को नोटिस किया गया है. अगर ऐसा हुआ है तो फिर आप यकीन कर‍िए कि क्‍यूबा में आसमान से उल्‍कापिंड नहीं लाखों डॉलर्स बरसे हैं.
एक असाधारण घटना होती है उल्‍कापिंड
उल्‍कापिंड का गिरना एक असाधारण घटना है और कहते हैं कि जिस किसी को भी इसका एक भी टुकड़ा मिलता है, उसकी किस्‍मत रातों-रात चमक सकती है.
एक उल्‍कापिंड की कीमत सोने की कीमत से भी कहीं ज्‍यादा हो सकती है. उल्‍कापिंड को आमतौर पर उसके वजन के हिसाब से बेचा जाता है.
इन्‍हें इकट्ठा करने वाली कम्‍युनिटी मिट्रिक सिस्‍टम का प्रयोग करके इसका वजन लेती है. इनका वजन ग्राम और किलोग्राम में तौला जाता है और इसकी लंबाई-चौड़ाई सेंटीमीटस और मिलीमीटर्स में होती है.
इस लिहाज से ज्‍यादातर उल्‍कापिंडों की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है. जो वजहें इनकी कीमतें तय करने के लिए जिम्‍मेदार हैं उनमें इनका प्रकार, इनकी उत्‍पत्ति, इन्‍हें संरक्षित करके रखने की स्थितियां और इनकी खूबसूरती सबसे अहम होती हैं.
वैज्ञानिक करते हैं स्‍टडी
ज्‍यादातर उल्‍कापिंड इकट्ठा करने योग्‍य होते हैं. यह बात भी गौर करने वाली बात है कि नए और असाधारण उल्‍कापिंडों को अक्‍सर ही रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों के पास भेजा जाता है.
एक बार उन पर रिसर्च हो जाती है या फिर उनसे वो जरूरी बातों वैज्ञानिक हासिल कर लेते हैं, जिसकी उन्‍हें जरूरत होती है, तो उन्‍हें स्‍टडी मार्केट में भी बेचने के लिए रख दिया जाता है. उल्‍कापिंड पर हुई वैज्ञानिक स्‍टडी उसे और ज्‍यादा कीमती बना देती है.
उल्‍कापिंडों की कीमत अलग-अलग हो सकती है. सहारा रेगिस्‍तान में गिरने वाले उल्‍कापिंडों के एक ग्राम के टुकड़े की कीमत 0.50 डॉलर प्रतिग्राम हो सकती है. वहीं अर्जेंटीनस के कैंपो डेल सिएलो में एक किलोग्राम का उल्‍कापिंड 400 डॉलर में बिका था.
सबसे महंगे उल्‍कापिंड
इतिहास का सबसे बड़ा उल्‍कापिंड रूसी आयरन सिकहोते एलिन था. 12 फरवरी 1947 को यह उल्‍कापिंड गिरा था. इसकी कई खूबियां थी और इसलिए इसे खासतौर पर सहेज कर रखा गया. इसकी कीमत 2 डॉलर से 3 डॉलर तक है.
उल्‍कपिंड बहुत भारी होते हैं और इनके एक टुकड़े का आकार छोटी डिनर प्‍लेट के बराबर होता है. इसलिए इनकी कीमत कई हजार डॉलर में होती है.
21 जून 1931 को गिरा उल्‍कापिंड अब तक का सबसे महंगा उल्‍कापिंड है. ट्यूनीशिया में गिरे इस उल्‍कापिंड का एक ग्राम 50 अमेरिकी डॉलर में बिका.
वहीं चांद और मंगल ग्रह के असाधारण उदाहरण वाले उल्‍कापिंड की कीमत वर्तमान समय में सोने की कीमत से चार गुना तक ज्‍यादा है. इन उल्‍कापिंडों का सिर्फ एक ग्राम टुकड़ा ही 1000 अमेरिकी डॉलर का है.
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