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- डायनासोर और पक्षियों...
पृथ्वी पर जीवों के विकास (Evolution of life) की कहानी समझना भी अपने आपमें एक रोमांच है. जहां एक ओर वैज्ञानिकों को जीवाश्मों से नई-नई प्रजातियों (Fossils of unknown Species) के जीवों का पता चल रहा है, वहीं दूसरी ओर वे इनसे उद्भव और विकासक्रम के बारे में नई जानकारी भी हासिल कर रहे हैं. हाल ही में चीनी शोधकर्ताओं ने आधुनिक पक्षियों (Modern Birds) की खोपड़ी के विकासक्रम के बारे में एक 12 करोड़ साल पुराने पक्षी जीवाश्म के जरिए नई खोज की है. उन्होंने पता लगाया कि पुरातन पक्षियों और डायनासोर (Dinosaurs) के प्रमुख गुणों से मिलकर कैसे आज के पक्षियों का विकास हुआ था.
जब अलग-अलग हुए डायनासोर और पक्षी
चीन के बीजिंग में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस के इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टिबरेट पेलेओंटोलॉजी एंज पेलयोएंथ्रोपोलॉजी (IVPP) और शिकागो के फील्ड म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि जब करोड़ों साल पहले डायनासोर और पक्षियों के प्रजातियां विभक्त हुईं थी तब पक्षियों अपने विकासक्रम ने डायनासोर के बहुत सारे प्रमुख गुणों को कायम रखा था.
पुरातन पक्षी का जीवाश्म
यह खोज 12 करोड़ साल पुराने युआनचुआविस कोमप्सोसॉरा नाम के पक्षी के जीवाश्म के सपाट खोपड़ी के फिर से त्रिआयामी पुनर्निर्माण करने और उसके बाद किए गए विस्तृत विश्लेषण से सामने आई. शुरुआती क्रिटेशियस काल का यह जीवाश्म चीन के उत्तर पूर्व में स्थित लियाओनिंग प्रांत के निक्षेपों में पाया गया था. ईलाइफ में प्रकाशित इस अध्ययन में इस जीवाश्म से आधुनिक पक्षियों की खोपड़ी के अहम विशेषता, क्रैनियल किनेसिस की उत्पत्ति के बारे में सुराग भी पाए गए हैं.
हड्डियों की दो शृंखलाएं
अधिकांश पक्षियों की जो खोपड़ी को काइनेटिक स्कल कहा जाता है. इसमें उनकी ऊपरी चोंच की गतिविधि उनके मस्तिष्क के ढांचे से स्वतंत्र होती है. यह गतिशीलता खोपड़ी की हड्डीयों की दो शृंखलाओं से संबंधित होती है जो खोपड़ी में पीछे से आगे तक जुड़ी होती हैं. इनमें से एक गाल के पास होती है और दूसरी शीर्ष से मुंह तक आती है.
नहीं मिल सकी पूरी जानकारी
इन्हीं शृंखलाओं से खोपड़ी के पीछे से बल चोंच की ओर आता है और उसकी गतिविधि संभव होती है. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और आईवीपीपी के प्रोफेसर वांग मिन ने बताया कि पूरी हड्डियां मिलने के बाद यह अब भी पता नहीं चल सका है कि पक्षियों के विकासक्रम में हड्डियों की कौन सी शृंखला पहले पूरी होकर स्वतंत्र हुई थी.
अलग तरह की थी हड्डियां
शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने पाया कि डायनासोर और एनान्टिओर्निथाइन युआनचुआविस जैसे शुरुआती पक्षी में ये शृंखलाएं खोई हुई कड़ी या तो गायब थे या फिर एक जगह बंद थीं जिससे वहां और ज्यादा हड्डियों ने अधिकांश गतिविधियों को रोक कर रखा हुआ था. यह जीवाश्म वास्तव में यह जानने में मददगार होता है कि पक्षियों के वंशवृक्ष में कहां और कब हिलने वाली चोंच या काइनेसिस का विकास हुआ.
डायनासोर के साथ विलुप्त हुए वो पक्षी
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह भी दर्शाया जा सकता है कि यहबात पिछले पक्षियों के उद्भवों में दिखाई नहीं देती थी. युआनचुआविस विलुप्त पक्षियों की ऐसी प्रजाति का पक्षी है जिसे एनन्टिओर्निथिन्स कहते हैं जिसके मतलब उलटे पक्षी होता है. उन्हें यह नाम उनकी हड्डियों के ढांचे में आज के पक्षियो से भिन्नता के कारण दिया गया था. ये पक्षी क्रिटेशियस काल में हुए महाविनाश में डायनासोर के साथ ही विलुप्त हो गई थी.
उच्च विभेदन वाली सीटी स्कैनिंग का उपयोग कर शोधकर्ता शुरुआती पक्षियों के बारे में गहराई से जान सके. युआनचुआविस में डायनासोर और पक्षियों के गुणों का मिश्रण है. इनकी आंखों के पीछे हड्डियां वैसे ही पाई जाती थीं जैसे डायनासोर, मगरमच्छ छिपकली आदि में मिलती है. इसी का बाद में अलग रूप पंछियों में विकसित हुआ. शोधकर्ताओं ने यह साफ तौर पर पाया कि कई मामले में पक्षियों ने डायनोसोर के गुणों को नहीं छोड़ा था.