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चमत्कार: 30 साल पहले मर चुका नेवला फिर हुआ जिंदा, जानिए वैज्ञानिकों ने कैसे किया ये कारनामा?

Gulabi
1 April 2021 6:31 AM GMT
चमत्कार: 30 साल पहले मर चुका नेवला फिर हुआ जिंदा, जानिए वैज्ञानिकों ने कैसे किया ये कारनामा?
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30 साल पहले मर चुका नेवला फिर हुआ जिंदा

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार किसी लुप्त हो चुकी प्रजाति का क्लोन तैयार किया है. अमेरिका में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी लुप्त हो चुकी प्रजाति को दोबारा जिंदा किया गया है. काले पैरों वाला जंगली नेवला उत्तरी अमेरिका की एकमात्र प्रजाति था, जो 30 साल पहले मारा जा चुका था. इस नेवले को जिंदा करने की कहानी काफी रोचक है, जानिए वैज्ञानिकों ने कैसे किया ये कारनामा?


1988 में हो चुका था लुप्त
शिकारी नेवले की यह प्रजाति उत्तरी अमेरिका में 1980-81 के करीब लुप्त हो गयी थी लेकिन इन नेवलों के 7 नमूनों को इक्कट्ठा कर लिया गया था. इन नमूनों में एक विला नाम का नेवला था, उसके टिश्यू (कोशिकाओं) को भविष्य में प्रयोग के लिए सोचकर संरक्षित कर लिया गया था. इन टिश्यू को 'सेन डीएगो जू ग्लोबल'में चलने वाली एक लैब, 'फ्रोजन जू'में भेज दिया गया था.
इस लैब में विला नेवले का टिश्यू पिछले 30 सालों से भी ज्यादा समय से संरक्षित था. इस लैब में विश्वस्तर पर 1100 से ज्यादा प्रजातियों की कोशिकाओं या टिश्यू को संरक्षित हैं. साल 2020 में एक साधारण नेवले के साथ फर्टिलाइज कराया गया और सी- सेक्शन के जरिए 10 दिसंबर को 2020 को एक नन्हे से नेवले, एलिजाबेथ ऐन ने जन्म लिया. ये दिखने में बिल्कुल लुप्त हो चुके नेवले जैसा था और अमेरिका में इस तरह दोबारा जिंदा की गई ये लुप्त प्रजाति का पहला जानवर है.
कैसे हुआ इस नेवले का जन्म?
इस लुप्त हो चुके जंगली नेवले की सरोगेट मदर के तौर पर एक साधारण डोमेस्टिक नेवले को चुना गया. साधारण नेवले को इसलिए चुना गया ताकि प्रेग्नेंसी के समय किसी प्रकार की परेशानियां ना आएं. नए जन्म लेने वाले नेवले में हुबहू उसकी लुप्त हो चुकी प्रजाति जैसे ही शिकारी गुण हैं. इस नेवले की देख-रेख "यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस" कर रही है. एलिजाबेथ ऐन का जन्म, लुप्त हो चुकी प्रजातियों को दोबारा जिंदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है

यूएस फिश एंड वाइल्ड लाइफ सर्विस ने अपने एक ट्वीट में बताया की, "एलिज़ाबेथ का जन्म कईं लुप्तप्राय जीवों की जेनेटिक बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है." इस नेवले को लेकर कहा जाता है कि किसानों ने परेशान होकर जंगल में पाए जाने वाले जानवरों को जहर दे दिया था. इसके बाद से नेवले की यह काले पैरों वाली प्रजाति लुप्त हो गई थी. हर जानवर प्रजातियों की जेनेटिक विविधता बराबर महत्व रखती है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने विला नाम के इस आखिरी नेवले के टिश्यू (कोशिकाओं) को संरक्षित किया था. यूएस फिश एंड वाइल्ड लाइफ ने बताया कि नवजात नेवले एलिजाबेथ को जंगल में नहीं छोड़ा जायेगा.
विज्ञान में जेनेटिक क्लोनिंग एक ऐसी नई तकनीक है, जो कई लुप्त हो चुकी प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में बेहद अहम भूमिका निभा सकेगा. जानवरों की कई प्रजातियां जंगलों के नष्ट होने और इंसानों के बसने से खतरे में हैं. जो पारिस्थितिक तंत्र और पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में ये नया प्रयोग काफी करिश्माई साबित होगा. इससे कई प्रजातियां जो लुप्त हो गईं हैं, दोबारा जीवित होने की उम्मीद बंध गई हैं.
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