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Ministry of Health ने कहा- कोविशील्ड की दो डोज के बीच गैप का वैज्ञानिक आधार पर हुआ फैसला

Gulabi
17 Jun 2021 8:04 AM GMT
Ministry of Health ने कहा- कोविशील्ड की दो डोज के बीच गैप का वैज्ञानिक आधार पर हुआ फैसला
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वैज्ञानिक आधार पर हुआ फैसला

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतर को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने के बारे में तकनीकी विशेषज्ञों के बीच असंतोष का था, इसका स्वास्थ्य मंत्रालय ने खंडन किया है. मंत्रालय ने साफ किया है कि फैसला पूरी तरह वैज्ञानिक आधार और नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के सभी सदस्यों की सहमति से लिया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि ये अंतर को बढ़ाने का फैसला एडेनो वेक्टर वैक्सीन के व्यवहार के संबंध में वैज्ञानिक कारणों पर आधारित है. बिना किसी असहमति के नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की कोविड​​​​-19 वर्किंग ग्रुप और स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमिटी (STSC) की बैठकों में सदस्यों के साथ वैज्ञानिक आधार और डेटा पर पूरी तरह से चर्चा के साथ लिया गया.
टीकाकरण पर कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की 22वीं बैठक 10 मई हुई थी. डॉ एन के अरोड़ा, डॉ राकेश अग्रवाल, डॉ गगनदीप कांग, डॉ अमूल्य पांडा, डॉ जेपी मुलियाली, डॉ नवीन खन्ना, डॉ वीजी सोमानी और डॉ प्रदीप हलदरी शामिल थे. यूनाइटेड किंगडम (यूके) से रियल लाइफ एविडेंस के आधार पर वर्किंग ग्रुप ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच खुराक अंतराल को 12-16 सप्ताह तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया और वैज्ञानिक आधार पर सबकी सहमति से ये फैसला हुआ.
कोविड-19 वर्किंग ग्रुप की इस सिफारिश को एनटीएजीआई की स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमिटी (STSC) की 31वीं बैठक में चर्चा के लिए आगे बढ़ाया गया, जो 13 मई को सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, सेक्रेटरी डीएचआऱ और डीजी आइसीएमआर की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित की गई थी. इसमें नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमिटी (STSC) सिफारिश की 'कोविड-19 वर्किंग ग्रुप की सिफारिश के अनुसार, कोविशिल्ड टीके की दो खुराक के बीच कम से कम तीन महीने के अंतराल की सिफारिश की गई थी.
दोनों बैठकों यानी कोविड-19 वर्किंग ग्रुप और एसटीएससी में, किसी भी सदस्यों में से किसी ने भी कोई असहमति नहीं दी. एक एजेंसी में अंतर बढ़ाने के फैसले में असहमति की खबर का मंत्रालय का खंडन किया है. साथ ये भी साफ किया कि जिन डॉक्टरों डॉ मैथ्यू वर्गीस, डॉ एम डी गुप्ते और डॉ जे पी मुलियाल का रिपोर्ट में जिक्र किया गया है, इन तीन सदस्यों में से किसी ने भी असहमति नहीं दी. इसके अलावा, डॉ मैथ्यू वर्गीस ने अपनी कथित असहमति के मुद्दे पर किसी भी एजेंसी से बात करने से इनकार किया है.
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