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साल 2020 की आखिरी उल्कापिंडों की बारिश क्रिसमस से पहले होने वाली है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वॉशिंगटन: साल 2020 की आखिरी उल्कापिंडों की बारिश क्रिसमस से पहले होने वाली है। Ursids Meteor Shower को एक्सपर्ट्स के साथ-साथ आम ऐस्ट्रोनॉमर्स भी आसानी से देख सकेंगे। एक घंटे में 10 टूटते तारे तक देखे जा सकते हैं। क्रिसमस से पहले दिखने वाले आसमानी नजारों में से एक ये बारिश होगी जबकि 21 दिसंबर को बृहस्पति और शनि का ग्रेट कंजक्शन भी होने वाला है।
Ursids दरअसल Comet 8P/Tuttle से बनते हैं। ये Little Dipper तारामंडल के Ursa Major या Little Bear हिस्से से पैदा होते हैं। माना जा रहा है कि ये भले ही Geminid उल्कापिंडों की बारिश जितनी यादगार नहीं होगी, इनके दिखने का वक्त रात का होगा। इसलिए इन्हें देखना आसान हो सकता है।
जेमिनिड उल्का पिंडों की बारिश को करीब 200 साल पुराना माना जाता है। रेकॉर्ड्स के मुताबिक वर्ष 1833 में पहली बार अमेरिका के मिसिसीपी नदी के ऊपर तारों की बारिश हुई थी और इसके बाद यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पहले यह हर घंटे में 10 से 15 होते थे लेकिन अब संख्या सैकड़ों में पहुंच चुकी है। उल्कापिंडों की इस बारिश को एशिया से लेकर अमेरिका तक देखा गया है। खगोलविदों के मुताबिक रविवार यानी 13 दिसंबर की रात Geminid Meteor Shower अपने चरम पर रहा। रविवार की रात ये उल्कापिंड केस्टर नाम के सितारे की ओर से निकले और पूरे आसमान को रोशन कर दिया। केस्टर और पोलक्स को ही जुड़वां कहते हैं। जेमिनिड उल्का पिंडों की बारिश को अगस्त में गुजरे Perseid Meteor Shower से भी बेहतरीन माना जा रहा है। (सभी तस्वीरें साभार सोशल मीडिया )
स्पेस वेदर ने इस बारे में जानकारी दी है, 'ये ज्यादा भारी बारिश नहीं लेकिन खूबसूरत होगी क्योंकि ये उत्तरी विंटर सॉल्सटिस के पास अंधेरे में होगी।' हालांकि, कभी-कभी
Ursids बहुत शानदार भी दिखते हैं जब एक घंटे में 100 से ज्यादा टूटते सितारे देखे जा सकते हैं।
भारत में कब दिखेगा?
ये टूटते तारे Big Dipper के बायीं ओर से दिखेंगे। हर साल Ursid 17 दिसंबर से शुरू होकर 26 दिसंबर तक दिखते हैं। ये अपने सबसे चरम पर मंगलवार को तड़के होंगे। भारत में ये तड़के अंधेरे में देखे जा सकेंगे जब सूरज न निकला हो। 21 दिसंबर को ही दिसंबर सॉल्सटिस भी होगा, उत्तरी गोलार्ध में यह विंटर सॉल्सटिस होगा और दक्षिणी गोलार्ध में समर सॉल्सटिस।
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