विज्ञान

Mars: लाल ग्रह पर 'इनसाइट लैंडर' का मिशन खत्म कर सकती है 'Insight' के सोलर पैनल पर जमी धूल

Gulabi
24 Jun 2021 1:59 PM GMT
Mars: लाल ग्रह पर इनसाइट लैंडर का मिशन खत्म कर सकती है Insight के सोलर पैनल पर जमी धूल
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इनसाइट लैंडर का सफर मंगल ग्रह पर जल्द ही खत्म हो सकता है

NASA Insight Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) के इनसाइट लैंडर का सफर मंगल ग्रह पर जल्द ही खत्म हो सकता है. क्योंकि लाल ग्रह की धूल ने इसके सोलर पैनल को पूरी तरह ढक लिया है, जिसके कारण इस तक पावर नहीं पहुंच पा रही. ऐसे में माना जा रहा है कि अगले साल तक नासा का ये मिशन खत्म हो जाएगा.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे लेकर कहा है कि सोलर पैनल का 80 फीसदी हिस्सा मंगल की धूल से ढक गया है. जिसके कारण रोवर में मंगल पर प्रतिदिन के हिसाब से अब केवल 700 वाट घंटे की पावर ही बची है (InSight Mission of NASA). ऐसी उम्मीद है कि हवा चलने से ये धूल हट जाएगी और लैंडर अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए सिस्मिक डाटा (भूंकप संबंधित) एकत्रित करेगा (Sand Covered NASA's Insight Lander Solar Panels). ये काम 2022 के अंत तक किए जाने की उम्मीद है.
नासा ने धूल हटाने की कोशिश की
इस महीने की शुरुआत में नासा ने लैंडर रोबोट की बांह के सहारे इनसाइट के ऊपर जमी धूल को हटाने की कोशिश की थी, जिसके बाद धूल एक सोलर पैनल पर आकर एकत्रित हो गई. अब उम्मीद है कि हवा इसे हटा देगी (NASA Insight Lander Not Getting Power). स्पेस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम एनालिसिस ग्रुप की 21 जून को हुई बैठक में इनसाइट लैंडर को लेकर चर्चा हुई है.
उपकरणों को बंद करना पड़ा
नासा की जेट प्रोपल्सन लैब में इनसाइट मिशन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ब्रूस बैनर्ड्ट ने इस बैठक में कहा कि पैनल के बड़े हिस्सों पर धूल जम गई है, जिसके कारण इनसाइट के कुछ उपकरणों को स्थायी रूप से बंद करना पड़ा है. इनसाइट रोवर 26 नवंबर, 2018 में मंगल पर उतरा था (InSight Mission Statement). इसे ग्रह पर पहुंचने के बाद 687 दिनों तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया था. वैसे तो ये मिशन दो साल का था लेकिन नासा ने इसे दो साल और बढ़ाकर 2022 तक कर दिया. इनसाइट मंगल पर आने वाले भूकंपों का विश्लेषण करता है. मंगल पर एकत्रित डाटा को धरती पर भेजा जाता है. जिसके बाद फिर उसपर अध्ययन होता है.
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