विज्ञान

समु्द्री शोधकर्ताओं को पानी में डूबा मिला 400 साल पुराना जहाज

Rounak Dey
14 Aug 2022 6:10 PM GMT
समु्द्री शोधकर्ताओं को पानी में डूबा मिला 400 साल पुराना जहाज
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समु्द्री शोधकर्ताओं को पानी में डूबा हुआ 400 साल पुराना जहाज मिला है. इसका मलबा 11 मीटर गहराई में मिला है. इसमें रखे चूने पत्थर के बैरल अभी तक सही हालत में हैं. पुरातत्वविदों का मानना है कि यह जहाज स्वीडन के मध्य में या डेनमार्क के उत्तर से आ रहा होगा. एक नदी की मिट्टी के मिट्टी से बने परतों ने इस जहाज को इतने सालों तक बचाए रखा.

हंसियाटिक काल का है जहाज
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मालवाहक जहाज हंसियाटिक काल (Hanseatic period) का है. जब उत्तरी यूरोपीय व्यापार संघों का एक समूह 13वीं से 17 वीं शताब्दी तक बाल्टिक और उत्तरी समुद्रों पर हावी था. बता दें कि लकड़ी इस क्षेत्र में पानी के भीतर जल्दी से सड़ जाती है. इस वजह से इस युग का कोई भी जहाज अब तक नहीं पाया गया है.
नदी की वजह से सलामत
समुद्री पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि यह जहाज इस वजह से बच गया, क्योंकि इस इलाके से करीब 8 किलोमीटर दूर ट्रैवे नदी बहती है. इस नदी के मिट्टी की परत जहाज पर लग गई, जिस वजह से जहाज इतने सालों तक पानी के नीचे बचा रहा.
2020 में चला पता
जहाज के अवशेष पहली बार 2020 में ट्रैव में नौगम्य चैनल के अधिकारियों द्वारा एक नियमित सोनार सर्वेक्षण के दौरान खोजा था. यह पोत नदी के मुख्य रूप से खारे पानी के बाहरी हिस्से में लगभग 36 फीट (11 मीटर) की गहराई पर मौजूद है. इस बर्बाद हो चुके जहाज के मलबे की लंबाई 66 से 82 फीट के बीच हो सकती है.
मिट्टी की परत से सड़ने से बचा
जर्मनी की किएल यूनिवर्सिटी के पुरातत्विद फ़्रिट्ज जुर्गेन्स ने कहा कि खारे पानी का क्लैम जिसे शिपवर्म कहा जाता है, वह तेजी से जलमग्न लकड़ी को खाता है. बिवाल्व पश्चिमी बाल्टिक क्षेत्र में लकड़ी के मलबे को जल्दी से नष्ट कर देता, लेकिन यह पूर्वी बाल्टिक के ठंडे पानी में नहीं रहता है.
पाए गए 150 बैरल
इस जहाज में लगभग 150 लकड़ी के बैरल बरकरार पाए गए हैं. इससे पता चलता है कि जहाज 17 वीं शताब्दी के अंत में डूबने के दौरान माल ले जा रहा था. इन बैरलो में रखा हुआ क्विकलाइम चूना पत्थर को जलाकर बनाया जाता है. जुर्गेस ने कहा कि इन पत्थरों का स्रोत स्कैंडिनेविया होगा, इसलिए यह जहाज स्वीडन के मध्य में या डेनमार्क के उत्तर से आ रहा होगा, क्योंकि उत्तरी जर्मनी में चूना पत्थर का कोई बड़ा स्रोत नहीं है. शोधकर्तक इस जहज के डूबने की तारीख दिसंबर 1680 मान रहे हैं. इस जहाज को अगले कुछ वर्षों में निकाले जाने की उम्मीद है.
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