विज्ञान

डांस मूवमेंट थेरेपी से दूर हो सकती हैं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं, बच्चों पर दिखा पॉजिटिव असर

Rani Sahu
6 Sep 2021 3:20 PM GMT
डांस मूवमेंट थेरेपी से दूर हो सकती हैं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं,  बच्चों पर दिखा पॉजिटिव असर
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कुछ साल पहले, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका के 15 बच्चे जो डेट्रॉयट में शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे उनके समूह ने नीले

कुछ साल पहले, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका के 15 बच्चे जो डेट्रॉयट में शरणार्थी के तौर पर रह रहे थे उनके समूह ने नीले, गुलाबी और सफेद रंग के रिबन (स्ट्रीमर्स) को हवा में लहराकर झूमने और नाचने का कार्यक्रम शुरू किया। इस लुभावने दृश्य के अहम मायने थे। हर स्ट्रीमर के साथ नकारात्मक विचार, अहसास और यादें जुड़ी हुई थीं जिन्हें बच्चों ने इन स्ट्रीमर्स पर लिखा था। बच्चों पर इस कार्यक्रम का बेहद सकारात्मक असर देखने को मिला।

डांस थेरेपी से भगाई बुरी यादें
वायने स्टेट यूनवर्सिटी की लाना रुवोलो ग्रासर ने बताया कि ये बच्चे कतार में खड़े होकर एक सुर में इन स्ट्रीमर्स को हवा में उड़ाते और पास में बैठ जाते। इसके बाद वे गिरे हुए स्ट्रीमर्स को इकट्ठा कर उन्हें कचरे के डिब्बे में डालकर अपनी नकारात्मकत को अलविदा कहते। लाना ने कहा कि हमारी टीम के अनुसंधान कार्यक्रम के तहत ये बच्चे नृत्य थेरेपी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे जिसमें शरणार्थियों के रूप में रह रहे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के उपचार के लिए शारीरिक क्रियाओं की भूमिका और महत्व को देखा गया।
तनाव दूर करने का रास्ता मिला
उन्होंने कहा कि 2017 में हमारे लैब 'स्ट्रेस ट्रॉमा एंड एंजाइटी रिसर्च क्लिनिक' ने शरणार्थी परिवारों को मानसिक तनाव से बाहर निकालने के लिए मुहिम के तहत इस थैरेपी की शुरुआत की जो न सिर्फ खुद को अभिव्यक्त करने का एक जरिया बना बल्कि इसने तनाव को दूर करने की जीवनपर्यंत रणनीति की दिशा में रास्ता दिखाया। औसतन हर साल पश्चिमी देशों में करीब 60,000 बच्चे शरणार्थी के तौर पर आते हैं। अब अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद शरणार्थी संकट फिर से गहरा गया है, ऐसे में उनकी जरूरतों पर नए सिरे से ध्यान जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का आकलन है कि पिछले 40 वर्ष में करीब 60 लाख अफगान विस्थापित हुए हैं और लाखों लोग तालिबान के शासन से भाग रहे हैं।
मानव जाति जितना ही पुराना है डांस
उन्होंने कहा कि मैं एक न्यूरोसाइंटिस्ट हूं और यह समझने का प्रयास करती हूं कि कैसे आघात बढ़ते युवाओं के तंत्रिका तंत्र को नया आकार देता है। मैं इस जानकारी का उपयोग तनाव और चिंता को रचनात्मक कलाओं और नाचने-झूमने पर आधारित मूवमेंट थैरेपी से दूर करने के तरीके का पता लगाने के लिए करती हूं। शरीर को एक खास तरीके से हिलाने-झूमने की वृत्ति उतनी ही पुरानी है जितनी कि मानव जाति। लेकिन मानसिक स्वास्थ्य उपचार में नृत्य चिकित्सा जैसी मूवमेंट थैरेपी पर आधारित रणनीतियों पर अधिक ध्यान हाल में दिया गया है।
डिप्रेशन दूर करने के लिए डांस बना सहारा
उन्होंने कहा कि मैं खुद एक नर्तकी हूं और मैंने हमेशा ही मूवमेंट के माध्यम से अशाब्दिक भावनात्मक अभिव्यक्ति को अविश्वसनीय रूप से चिकित्सीय पाया। खासकर जब मैं हाई स्कूल और कॉलेज में चिंता और अवसाद का अनुभव करती थी। अब अपने तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान के माध्यम से मैं उन विद्वानों की बढ़ती संख्या में शामिल हो रही हूं जो मूवमेंट आधारित उपचार विधि का समर्थन करने के लिए मजबूत साक्ष्य आधार जुटाने पर काम कर रहे हैं।
घबराहट कम कर सकता है डांस
उन्होंने बताया कि 23 क्लिनिकल रिसर्च स्टडी के विश्लेषण में पता चला कि नृत्य और मूवमेंट थैरेपी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना कर रहे, विकास संबंधी विकारों से पीड़ित बच्चों, वयस्कों और बुजुर्ग मरीजों के लिए प्रभावी और उचित उपचार साबित हो सकते हैं। रिसर्चर्स ने पाया कि ये घबराहट की गंभीरता को कम करने में विशेषकर लाभदायक है। यह शरर्णाथी के तौर पर रह रहे युवाओं में तनाव संबंधी विकार, घबराहट जैसे लक्षणों को कम करने में भी मददगार है।


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