विज्ञान

मिल्की वे गैलेक्सी में मिले बहुत से ब्लैक होल देंगे बहुत सारी नई जानकारी

Tulsi Rao
4 May 2022 4:30 PM GMT
मिल्की वे गैलेक्सी में मिले बहुत से ब्लैक होल देंगे बहुत सारी नई जानकारी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक ब्लैक होल (Black Hole) को उसकी आसपास की घटनाओं की वजह से जाना जाता है. वैज्ञानिकों के लिए वह स्थिति भी गहन अध्ययन की होती है जब दो ब्लैक होल पास में हों. लेकिन क्या हो अगर बहुत सारे ब्लैक होल आसपास हों जिनका विलय तो नहीं हो रहा हो, लेकिन उन आस पास के सक्रिय पदार्थ के बादलों से प्रकाश गूंज (Echo of light) की तरह टकराकर उछलकूद कर रही हो. ऐसा ही कुछ नजारा हमारे मिल्कीवे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) में गूंज वाले ऐसे 8 ब्लैक होल खोजे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारी गैलेक्सी में ही इतनी संख्या में ऐसे ब्लैक होल के मिलने से हमें उनकी भौतिकी गहराई से जानने का बड़ा अवसर है.

पहले केवल दो ही ब्लैक होल दिखे थे ऐसे
इससे पहले अभी तक खगोलविदों को इस तरह के केवल दो ही ब्लैकहोल मिले थे. तारकीय भार वाले ब्लैक होल विशाल तारे के क्रोड़ के संकुचित होने से बनते हैं और ऐसे ब्लैक होल की मिल्की वे गैलेक्सी में संख्या कम नहीं है. ब्लैक होल को समझना पहले से ही एक मुश्किल काम है, इन ब्लैक होल की खोज से वैज्ञानिकों को गहराई से जानकारी मिलने की उम्मीद है.
आसान नहीं है गैलेक्सी में चीजों को खोजना
मिल्की वे गैलेक्सी में अरबों चीजें घूम रही है, लेकिन उन्हें पहचानना एक मुश्किल काम है और हमें केवल कुछ ही पिंडों को खोज सके हैं. ऐसे इसलिए हैं कि इनमें से अधिकांश सक्रिय नहीं है, उन्हें विकिरण नहीं निकलता जिसे पकड़ा जा सके और उनकी पहचान हो सके. इसलिए ये पिंड या वस्तुएं अदृश्य ही रहती हैं. जब ब्लैक होल सक्रिय होते हैं, तो उनके आसपास भी काफी सक्रियता होती है.
संचयन तश्तरी
सक्रिय ब्लैक होल अपने आसपास के पदार्थों को निकलते रहते हैं और उनकी बाहरी सीमा पर एक संचयन तश्तरी बन जाती है जिसमें गैस और धूल ब्लैक होल के चारों ओर तेजी से घूमते हुए ब्लैक होल में गिरती है जैसे पानी के भंवर में पानी गिरता है. इस दौरान घर्षण और गुरुत्व अंतरक्रियाएं होने से बहुत तीव्र ऊष्मा और प्रकाश पैदा होता है जिससे ब्लैक होल के पास का इलाका बहुत अधिक चमकदार हो जाता है.
क्या किया शोधकर्ताओं ने
कई ब्लैक होल के पास की संचयन तश्तरी में जब प्रकाश पहुचता है, तो वह प्रतिध्वनि या गूंज की तरह वापस प्रतिबिम्बित हो जाता है. ब्लैक होल की इन गूंजों की कहनी को विस्तार से जानने के लिए एमआईटी के खगोलभौतिकविद जिंगयीवांग की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने नए स्वचलित उरकरण का उपयोग किया जिसे रिवरबरेशन मशीन कहते हैं. इससे शोधकर्ताओं ने नासा के NICER एक्स रे वेधशाला के पुरातन आंकड़े निकाले.
द्विज तारे के तंत्र के ब्लैक होल
इस खोज केशोधकर्ताओं ने द्विज आठ तंत्रों की खोज की जिसमें एक ब्लैक होल था. साथी द्विज तारे के होने से ब्लैक होल ने धीर धीरे उसी तारे का सारा पदार्थ निगल लिया. जिसके बाद से वे अब हमारे सूर्य से 5 से 15 गुना भारी ब्लैग होल हो गए जहां उनका द्विज साथी सामान्य सूर्य के समान कम भार वाला तारा है. यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
क्या पता लग सकता है
ये प्रकाश की गूंज हमें ब्लैक होल के वातावरण के बारे में काफी कुछ बता सकती है. प्रकाश का शुरुआती विस्फोट के और बाद के प्रकाशीय गूंच दोनों तरह से विश्लेषण किया जा सकता है. इस प्रकाश से ब्लैक होलके बीच की दूरी को मापा जा सकता है. इसके अलावा इनके जरिए ब्लैक होल के कोरोना (ब्लैक होल का किनारा) और संचयन तश्तरी में बदलाव भी पता लागाया जा सकता है.
इसके बाद शोधकर्ताओं ने एक्स रे विकिरण करने वाले द्विज तंत्रों का विश्लेषण किया और आंकड़ों को शुरुआती एक्सरे विस्फोट और प्रकाश की गूंज के समय के अंतर के आधार पर समूह में बांटा. इससे वे गूंज के बदलाव के समझ सके. शोधकर्ताओं के अध्ययन में यह भी पता चला कि कोरोना और डिस्क के बीच का अध्ययन कम हो रहा है. इस अध्ययन के नतीजे सुपरमासिव ब्लैक होल और ब्रह्माण्ड के विकास तक के अध्ययन में भी उपयोगी हो सकते हैं.


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