विज्ञान

किसानों के लिए वरदान बना वैज्ञानिकों का Locust Business, टिड्डियों के बदले कमा रहे हैं पैसे

Gulabi
23 Feb 2021 4:31 PM GMT
किसानों के लिए वरदान बना वैज्ञानिकों का Locust Business, टिड्डियों के बदले कमा रहे हैं पैसे
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अफ्रीकी देश केन्या (Kenya) में टिड्डियों का भयानक हमला (Locust Attack) हुआ है

अफ्रीकी देश केन्या (Kenya) में टिड्डियों का भयानक हमला (Locust Attack) हुआ है. पहले तो इससे वहां के किसान बेहद दुखी हुए लेकिन अब वो इन टिड्डियों के आने से खुश हैं. क्योंकि एक वैज्ञानिक संस्था (The Bug Picture Is Paying Farmers For Locusts) किसानों को इन टिड्डियों के बदले पैसे दे रही है. या ऐसे कहें यहां टिड्डियां किलो में बेची जा रही है.

केन्या की संस्था द बग पिक्चर (The bug picture) ने टिड्डियों की मार से आहत किसानों की जिंदगी बदल दी है. इस संस्था ने सराहनीय कदम उठाते हुए किसानों से कहा कि तुम टिड्डी जमा करके लाओ, हम तुम्हें इसके बदले पैसे देंगे. आपको बता दें कि अगर किसान एक किलोग्राम टिड्डी लेकर इस संस्था में जाए तो उसे पचास केन्यन शिलिंग यानी 33.14 रुपए मिलते हैं
इस पहल के बाद किसानों ने टिड्डियों को रात में टॉर्च की रोशनी (Locusts Accumulate In Flashligh) में जमा करना शुरू किया. इस बिजनेस से किसान को थोड़ा फायदा जरूर हुआ और इसलिए ये किसान कई-कई घंटे काम करके कई किलोग्राम टिड्डियां जमा करते हैं. फिर इन्हें बेचकर अच्छा पैसा कमा लेते हैं. रात में गांव के लोगों से सामुदायिक कार्य के तहत खेतों, पेड़ों और घरों से टिड्डियों को जमा करवाया जाता है और फिर इसे कुचला जाता है.
टिड्डियों का बिजनेस
गौरतलब है कि अफ्रीका के तटीय इलाकों में समुद्री गर्मी की वजह से खूब बारिश हो रही है. इसकी वजह से टिड्डियों की तादात बहुत ज्यादा बढ़ गई है. द बग पिक्चर नाम की ये संस्था इस समय मध्य केन्या के लाइकिपिया, इसिओलो और सामबुरू में किसानों से टिड्डी जमा करा रही है. और उनसे इन्हें खरीद रही है.
केन्या की संस्था द बग पिक्चर इन टिड्डियों को मारकर प्रोटीन से भरपूर पशु आहार बना रही है. इस प्रक्रिया से किसान भी खुश हैं और पशु आहार खरीदने वाले भी खुश हैं. और इस तरह से केन्या में टिड्डियों से हुए नुकसान की भरपाई भी हो रही है.
केन्या के लाइकिपिया (Laikipia) इलाके में तो ऐसे लगता है कि टिड्डियों का बादल आया है. यहां टिड्डियों का आतंक इतना है कि पूरी की पूरी फसल खराब हो जाता है. लेकिन अब जिन इलाकों में केमिकल स्प्रे नहीं हो सकता है, वहां से ये संस्था टिड्डियों को खरीदती है. टिड्डियों का ये इलाका कम से कम पांच हेक्टेयर का होना चाहिए.
केन्या की संस्था द बग पिक्चर इन टिड्डियों को मारकर प्रोटीन से भरपूर पशु आहार बना रही है. इस प्रक्रिया से किसान भी खुश हैं और पशु आहार खरीदने वाले भी खुश हैं. और इस तरह से केन्या में टिड्डियों से हुए नुकसान की भरपाई भी हो रही है.
गौरतलब है कि द बग पिक्चर में काम करने वाले साइंटिस्ट इन टिड्डियों को मारकर उनसे ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और पशु आहार (Organic Fertilizer and Animal Feed) बना रहे हैं. इस संस्था की फाउंडर लॉरा स्टेनफोर्ड (Laura Stanford) ने कहना है कि हम किसानों की निराशा को आशा में बदलना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि किसान टिड्डियों से परेशान न हों बल्कि उन्हें एक वैकल्पिक फसल माने, जो हर साल आएगी. वो हमे टिड्डी देते हैं, और बदले में हम उन्हें पैसे
भारत में भी था टिड्डियों का आतंक
आपको बता दें कि एक समय टिड्डियों का दल भारत में भी आतंक मचा रहा था. ये दल एक दिन में 150 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है. टिड्डी दल में प्रति वर्ग किलोमीटर 4 से 8 करोड़ टिड्डी होते हैं. भारत में भी ये टिड्डियां फसलों को बर्बाद कर देती हैं.


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