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चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज की वैज्ञानिक सिताभरा सिन्हा का कहना है कि
चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज की वैज्ञानिक सिताभरा सिन्हा का कहना है कि कोरोना वायरस की रिप्रोडक्शन (आर) वैल्यू गिरकर एक से कम हो गई है। अध्ययन के के अनुसार, कोरोना वायरस की आर वैल्यू अगस्त के आखिर में एक थी जो सितंबर में गिरकर 0.92 हो गई है। आर-वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि वायरस के फैलने की गति वहां धीमी हो गई है।
वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया है कि प्रमुख शहर जैसे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बंगलूरू में आर वैल्यू एक से अधिक है। पुणे और दिल्ली में ये दर एक से कम है। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित रहे महाराष्ट्र व केरल में सक्रिय मामले अधिक होने के बावजूद भी वायरस की आर वैल्यू एक से कम है।
आर-वैल्यू को ऐसे समझें
वैज्ञानिकों के अनुसार एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर हा है। इसी से आर वैल्यू तय होती है। इसी से वायरस के प्रसार की गति का भी पता चलता है। दूसरी लहर के दौरान आर वैल्यू में गिरावट राहत का संदेश है।
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