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कोविड-19 महामारी विशेषज्ञ कानया बयान कहा - अगले साल वसंत तक सामान्य जुखाम जैसी होकर रह जाएगी कोरोना
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) से अभी तक दुनिया के निजात नहीं मिली है. जहां दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर आ चुकी है तो वही भारत जैसे देशों में तीसरी लहर कभी भी आ सकती है ऐसा बताया जा रहा है. इस दौरान वैक्सीनेशन (Vaccination) पर जोर दिया जा रहा है. बच्चों को वैक्सीन देने की तैयारी जोरों पर है. इसी बीच विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का यह संक्रमण अंततः ऐसी बीमारी में बदल जाएगा जो सामान्य सर्दी जुखाम (Common Cold) की तरह ही हलका असर देने वाली होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके खौफ का अंत एक सर्दी की तरह हो जाएगा.
प्रोफेसर डेम सारा गिलबर्ट और सर जॉन बेल, दोनों का कहना है कि कोरोना वायरस के और खतरनाक वेरिएंट अब नहीं आएंगे. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर सर जॉन बेल का कहना है कि वायरस अगले साल वसंत तक सामान्य जुखाम से मिलता जुलता हो जाएगा क्योंकि लोगों की इम्यूनिटी वैक्सीन और वायरस से जूझते हुए बहुत बढ़ जाएगी.
जल्दी ठीक होने चाहिए हालात
जॉन बेल का कहना है कि यूके में हालात बदतर से ज्यादा हो चुके हैं और सर्दीयों के जाने के बाद हालात ठीक हो जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वैक्सीन लगने के बाद भी वायरस से लागतार सामना हो रहा है. इसी बीच मोडर्ना का चीफ एक्ज्यूटिव स्टीफेन बेन्सेल ने भी कहा है कि कोविड महामारी एक साल के अंदर ही खत्म हो जाएगी क्योंकि वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ रही है.
बदल रहे हैं हालात
इससे पहले प्रोफेसर गिल्बर्ट ने कहा था कि वायरस फैलने के साथ ही कमजोर होता जा रहा है. इस पर टिप्पणी करते हुए सर जॉन ने कहा जिस तरह के रुझान दिख रहे हैं अगले छह महीनों में हम बेहतर हो सकते हैं. इसलिए दबाव कम है. कोविड मौतें बहुत ज्यादा बुजुर्गों की ही हो रही है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि ये मौते निश्चित रूप से कोविड की वजह से ही हो रही है.
बेहतर होंगे हम क्योंकि
जॉन कहते हैं कि उन्हें इसीलिए लगता है कि अब बदतर हालात खत्म हो गए हैं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अब यह होगा कि डेल्टा वेरिएंट का भी काफी एक्पोजर हो गया है. संक्रमण संख्या ज्यादा है, लेकिन दो वैक्सीन लगवा चुके और संक्रमित हो चुके लोग मजबूत हर्ड इम्यूनिटी की ओर ले जाएंगे.
अब नहीं होगा और म्यूटेशन
सर जॉन ने सारा की बताई स्थिति से सहमति जताते हुआ कहा कि अगले वसंत तक हालात वैसे हो जाएंगे. हमें सर्दियों के खत्म होने का इंतजार करना होगा , लेकिन हालात अच्छे ही होंगे. सारा ने यह भी सुझाव दिया है कि कोविड अब कमजोर बीमारी पैदा करेगा और अब नए जानलेवा वेरिएंट का डर नहीं होना चाहिए. अब कोरोना वायरस और म्यूटेट होने की संभावना नहीं है
केवल तब तक ही
सारा का मानना है कि अब वायरस वैक्सीन से बच कर निकलने वाले म्यूटेशन करे इसकी संभावना नहीं हैं क्योंकि अब वायर के पास फैलने के लिए ज्यादा जगह नहीं बची है. हम देखते हैं कि वायरस तब कम फैलता है जब वह आसानी से फैलता है इसीलिए अब सार्स कोव-2 के वेरिएंट दिखने का कोई कारण नहीं लगता है. बात अब उस स्थिति तक पहुंचने के समय और तब तक उससे निपटने की है.
इससे भी पहले इंग्लैंड की चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रोफसर क्रिस विटी ने कहा था कि जिन बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है उन सभी को कोरोना संक्रमण हो जाएगा क्योंकि इम्युनिटी कमजोर होने से वायरस लगातार फैलता जाएगा. लेकिन सारा का कहना है कि कोविड-19 बीमारी हलकी हो जाएगी. वायरस में धीमा जेनेटिक बदलाव दिख रहा है, धीरे धीरे लोगों में इम्युनिटी विकसित हो रही है जैसा सभी मौसमी कोरोनावायरस के साथ हुआ था.