विज्ञान

जानिए तारों का निर्माण और पदार्थ के प्रवाह के बारे में

Gulabi Jagat
27 July 2022 4:45 PM GMT
जानिए तारों का निर्माण और पदार्थ के प्रवाह के बारे में
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तारों का निर्माण और पदार्थ का प्रवाह
ब्लैक होल (Black Hole) को क विनाशक और राक्षस या दैत्य की तरह का पिंड माना जाता है जो प्रकाश तक को निगल सकता है. यह धीरे धीरे अपने आस पास के तारों को निगल लेता है. इसके अतिशक्तिशाली गुरुत्व की वजह से प्रकाश तक बाहर नहीं निकल सकता है, इसीलिए यह दिखाई नहीं देता है और इसका नाम ब्लैक होल भी इसी कारण से मिला है. लेकिन नए अध्ययन में ब्लैक होल की निर्माण में होने वाली भूमिका को रेखांकित किया गया है. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि सुपरमासिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) इस बात प्रभावित करते हैं कि कौन सा तारा पैदा (Birth of Star) होगा और किसके पहले प्रकाश को कभी भी नहीं देखा जा सकेगा.
ब्लैक होल का प्रभाव
इस अध्ययन बताया गया है कि गैलेक्सी के केंद्र में स्थित सुपरमासिव ब्लैक होल पूरी गैलेक्सी के तारों की उत्पत्ति की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं. इस अध्ययन ने वैज्ञानिकों को इस समझ को बढ़ाने काकाम किया है कि ब्लैक होल कैसे अंतरतारकीय बादलों में तारों के निर्माण की स्थितियों को प्रभावित करते हैं.
तारों का निर्माण और पदार्थ का प्रवाह
इस अध्ययन में यूरोपीय शोधकर्ताओं ने पाया है है को गैलेक्सी के केंद्र में होने के बाद भी ब्लैक होल का पूरी गैलेक्सी मे तारों के निर्माण पर प्रभाव पड़ता है. नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में तारों के निर्माण की परिस्थितयां और गैलेक्सी में पदार्थ के प्रवाह के बीच संबंध का पता लगा है. इन प्रक्रियाओं का में खगोलीय विकिरण की भूमिका के महत्व का भी पता चला है.
किस गैलेक्सी का अध्ययन
जब भी किसी तारे की मौत के बाद ब्लैक होल का निर्माण होता है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि पदार्थ बहुत ही छोटे से हिस्से में सिमट जाता है और मृत तारे का प्रकाश भी उसमें समा जाता है. शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को समझने के लिए आटाकाम लार्ज मिलीमीटर ऐरे (ALMA) और वेरी लार्ज टेलीस्कोप का उपयोग कर IC5063 नाम की गैलेक्सी का अवलोकन किया जो 156 प्रकाशवर्ष दूर है.
प्लाज्मा जेट का निर्माण
शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे ब्रह्माण्ड की अधिकांश सुपरमासिव ब्लैक होल गैलेक्सी के केंद्र में स्थित हैं जब इन ब्लैक होल में कोई कण गिरता है और ब्लैक होल की मैग्नेटिक फील्ड के प्रभाव में आता है, तो ऐसे कण बाहर की ओर उत्सर्जित होते हैं और गैलेक्सी के अंदर दूर दूर तक प्लाज्मा की शक्तिशाली जेट के रूप में यात्रा करते हैं.
अलग अलग आयनों का अध्ययन
प्लाज्मा की जेट और गैलेक्सी में घने और ठंडे आणविक गैस को बादलों के बीच अंतरक्रिया होती है इससे तंत्र में अस्थिरता पैदा होती है. इसी अस्थिरता की वजह से ही गैसे का संघनन होता है और तारों के निर्माण की प्रक्रिया शुरु होती है. शोधक्रताओ ने आल्मा के जरिए कार्बन मोनोऑक्साइड और फॉर्माइल कैटायन उत्सर्जन और वेरी लार्ज टेलीस्कोप से आयनीकृत सल्फर और नाइट्रोजन के उत्सर्जन का अध्ययन किया.
जेट की दिशा और गैलेक्सी का तल
इस अध्ययन के सहलेखक और कोलोन्ज यूनिवर्सिटी के डीएफ जी फैलो डॉ थॉमस बिस्बास ने एक बयान में बताया, "हमने IC 5063 में होने वाली बहुत सारी संभावनाओं को शामिल करने वाले हजारों की संख्या में खगोलरासायनिक सिम्यलूशन चलाए. हैरानी की बात लगती है कि प्लाज्मा जेट गैलेकसी और ब्लैक होल के तल के लंबवत ऊपर और नीचे की ओर निकलती है. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि IC 5063 गैलेक्सी में ऐसा नहीं था वह गैलेक्सी के तल की दिशाओं में ही फैला.
अब शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से IC 5063 गैलेक्सी और उसके ब्लैक होल का विस्तृत अध्ययन कर सकेंगे. इससे गैलेक्सी के बाहरी बादलों की परतों पर ब्लैक होल के प्रभाव की और ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि संघनित बादल तारों का निर्माण करते हैं जबकि बिखरे हुए बादलों में तारों का निर्माण नहीं होता है.
Gulabi Jagat

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