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खगोलविदों के लिए ब्लैक होल (Black Hole) हमेशा से ही एक चुनौतीपूर्ण विषय रहे हैं
खगोलविदों के लिए ब्लैक होल (Black Hole) हमेशा से ही एक चुनौतीपूर्ण विषय रहे हैं. उनके बारे में जानकारी हासिल करना असंभव सा होता है क्योंकि उनके अंदर से कुछ भी बाहर नहीं आ पाता है और वे उनकी ओर जाने वाले प्रकाश तक को खींच लेते हैं. उनके बारे में सारी जानकारी उनके आसपास होने वाली गतिविधियों और घटनाओं से ही मिल पाई है. लेकिन अब खगोलविदोंने सक्रिय ब्लैक होल की खोज करने का नया तरीका निकाल लिया. इस तकनीक से वे ब्रह्माण्ड (Universe) में बहुत सारे चमकीले सुपरमासिव ब्लैक होल (SMBH) पर लागू कर सकते हैं जो गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद होते हैं.
सक्रिय ब्लैक होल
मंथली नोटिसेस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी में प्रकाशित इस अध्ययन की प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च के पीएचडी छात्रा जेसिका थोर्न का कहना है कि सक्रिय ब्लैक होल ब्रह्माण्ड की विशालतम गैलेक्सी में पाई जाती हैं.
कैसे चमकीले होते हैं ये
थोर्न ने बताया कि जिन ब्लैक होल को उनकी टीम खोज रही थी वे सूर्य के भार से करोड़ों अरबों गुना भारी होते हैं. जब वे अपने आसपास के पादर्थ को निगलते हैं तो वह पदार्थ घर्षण की वजह से बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है और बहुत ही ज्यादा चमकीला हो जाता है. और जब वे सक्रिय होते हैं तो ये ब्लैक होल बाकी गैलेक्सी से भी ज्यादा चमकीले हो जाते हैं.
मुश्किल था चमकीले ब्लैक होल की पहचानना
अब तक चमकीले ब्लैक होल की पहचान करने काफी चुनौती पूर्ण रहा है क्योंकि इसके लिए खगोलविदों को विशेषतौर पर उन्हें जो हर टेलीस्कोप के लिए अलग अलग जटिल पद्धतियों का उपयोग करना होता था. लेकिन इसकी जगह नई तकनीक पहले से मौजूद करोड़ों गैलेक्सी के अवलोकन कर चुके टेलीस्कोप पर काम करती है.
अब मुमकिन हो गया है ये
थोर्न ने कहा, "हम इन सक्रिय ब्लैक होल की पहचान कर सकते हैं और देख सकते हैं कि वे कितना प्रकाश उत्सर्जित कर रहे हैं यानि उनके आसपास से कितना प्रकाश निकल रहा है. इसके साथ ही हम उसी समय उस ब्लैक की गैलेक्सी के गुणों का मापन भी कर सकते हैं. दोनों को एक साथ करने पर हमें सटीक तौर पर बेहतर समझ में आता है कि ब्लैक होल अपनी गैलेक्सी पर कितना प्रभाव डाल रहे हैं.
लाखों गैलेक्सी पर लगाया एलगॉरिदम
शोधकर्ताओं ने इसके लिए नया एलगॉरिदम प्रोस्पेक्ट का उपयोग किया और गैलेक्सी और ब्लैकहोल से निकलने वाले अलग अलग वेलवलेंथ के उत्सर्जित होने वाले प्रकाश का मॉडल बनाया. इसके बाद उन्होंने इस पद्धति को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियान टेलीस्कोप के DEVILS सर्वे से करीब 50 लाख गैलेक्सी पर लागू किया. इसके अलावा उन्होंने GAMA सर्वे की दो लाख गैलेक्सी पर भी इसे लागू किया
अब ज्यादा ब्लैक होल खोजना भी संभव
शोधकर्ताओं का कहना है कि वैज्ञानिक अक्सर गैलेक्सी में पाए जाने चमकीले ब्लैक होल पर ध्यान नहीं देते हैं. पहले इसकी वजह यह हुआ करती थी कि इन्हें खोजना एक मुश्किल काम था. लेकिन नई तकनीक से यह आसानी और व्यापक तौर पर हो सकता है. इसका मतलब यह है कि हम सक्रिय ब्लैक होल को पहले के मुकाबले कई ज्यादा जगहों पर देख सकते हैं. इतना ही नहीं हमें ज्यादा गैलेक्सी खोज सकते हैं और सुदूर ब्रह्माण्ड में समय के काफी पहले तक देख सकते हैं.
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सुपरमासिव ब्लैकहोल के बारे में माना जाता है कि उनका गैलेक्सी के विकास पर गहरा प्रभाव होता है. थोर्न ने बताया, "हमें लगता हैकि गैलेक्सी में एक सक्रिय ब्लैक होल तारों के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से कम कर देता है. और गैलेक्सी के विकास को अवरुद्ध कर देता है. नए और उन्नत टेलीस्कोप के जरिए खगोलविद इस तकनीक को एक बारे में करोड़ों गैलेक्सी पर लागू कर सकेंगे. यह तकनीक भविष्य में कई रहस्यों के खुलासा करने वाले रास्तों को खोलने का काम करेगी.
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