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ISRO की कमर्शियल यूनिट NSIL ने अंतरिक्ष सुधारों के तहत डिमांड बेस्ड पहले अंतरिक्ष मिशन का किया ऐलान

Admin4
2 Oct 2021 3:46 PM GMT
ISRO की कमर्शियल यूनिट NSIL ने अंतरिक्ष सुधारों के तहत डिमांड बेस्ड पहले अंतरिक्ष मिशन का किया ऐलान
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने सरकार द्वारा पिछले साल जून में घोषित किए गए अंतरिक्ष सुधारों के तहत डिमांड बेस्ड पहले अंतरिक्ष मिशन की घोषणा की.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क ;- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने सरकार द्वारा पिछले साल जून में घोषित किए गए अंतरिक्ष सुधारों के तहत डिमांड बेस्ड पहले अंतरिक्ष मिशन की घोषणा की. इसके तहत NSIL सैटेलाइट आधारित डीटीएच टेलीविजन सेवा प्रदाता टाटा स्काई के लिए अपना पहला कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगी.NSIL को इसरो के अनुसंधान कार्य, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, लॉन्च वाहनों के उत्पादन और क्षमताओं का व्यावसायीकरण करने के लिए बनाया गया है. केंद्र सरकार ने इस कंपनी की घोषणा जुलाई 2019 में की थी.

इस मिशन के तहत NSIL के पास अपने प्रतिबद्ध उपभोक्ताओं के लिए उपग्रह बनाने, इसके प्रक्षेपण, उपग्रह संचालन और संबंधित सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी होगी. 4,000 किलोग्राम वजन वाला GSAT-24 सैटेलाइट पूरी तरह NSIL द्वारा फंडेड होगा और इसे अगले साल की शुरुआत में यूरोप के एरियनस्पेस से एरियन-5 द्वारा लॉन्च किया जाएगा.
NSIL ने एक बयान में कहा कि GSAT-24 संबंधी पूरी उपग्रह क्षमता उसके प्रतिबद्ध ग्राहक टाटा स्काई को उसकी डीटीएच एप्लीकेशन जरूरतों को पूरा करने के लिए लीज पर दी जाएगी. GSAT-24 सैटेलाइट का स्वामित्व और संचालन वाणिज्यिक आधार पर एनएसआईएल के पास होगा, जो इसरो, एरियनस्पेस और टाटा स्काई के बीच इंटरमीडियरी एजेंसी भी होगी.
NSIL को इसरो के अनुसंधान कार्य, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, लॉन्च वाहनों के उत्पादन और क्षमताओं का व्यावसायीकरण करने के लिए बनाया गया है. केंद्र सरकार ने इस कंपनी की घोषणा जुलाई 2019 में की थी. इस साल मार्च में, NSIL के अधिकारियों ने कहा था कि भारत में एक डीटीएच ऑपरेटर और एक ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर के साथ दो डील पाइपलाइन में हैं.
इस साल फरवरी में पहले कमर्शियल मिशन की शुरुआत
एनएसआईएल के अधिकारियों ने 12 मार्च को कहा था कि वह ISRO द्वारा लॉन्च किए जाने वाले दो कम्युनिकेशन सैटेलाइट को अपने कब्जे में लेगा और इसरो के कम्युनिकेशन सैटेलाइट के फ्लीट को संभालने के लिए अंतरिक्ष विभाग के साथ बातचीत कर रहा है. NSIL के चेयरमैन और एमडी जी नारायणन ने कहा था, "एनएसआईएल जल्द ही अलग-अलग यूजर्स की सलाह से नए सैटेलाइट के लिए जरूरतों को अंतिम रूप देगा और कम्युनिकेशन सेक्टर में खरीद, स्वामित्व, लॉन्चिंग और सेवाएं प्रदान करना शुरू कर देगा."
उन्होंने कहा था कि कंपनी कामकाज बढ़ाने के लिए अगले पांच साल में करीब 10,000 करोड़ रुपए निवेश करेगी. उन्होंने कहा था, "एनएसआईएल इक्विटी और कर्ज के जरिए सालाना 2,000 करोड़ रुपए जुटाएगी."
एनएसआईएल ने ISRO द्वारा विकसित किए जा रहे SSLV (लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान) को इस साल के अंत तक भारतीय उद्योग भागीदारों के माध्यम से जारी करने की भी योजना बनाई है. कंपनी ने इस साल 28 फरवरी को अपने पहले कमर्शियल मिशन की शुरूआत की थी. इसके तहत ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 को श्रीहरिकोटा से कक्षा में स्थापित किया गया था.


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