विज्ञान

ISRO ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्‍ट बीच में ही रोका

jantaserishta.com
3 July 2023 10:14 AM GMT
ISRO ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का हॉट टेस्‍ट बीच में ही रोका
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फोटो: इसरो
चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेमी-क्रायोजेनिक इंजन बनाने के सपने के हकीकत में बदलने में अभी और देरी होगी। एजेंसी ने इसका हॉट टेस्‍ट बीच में ही समाप्‍त कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार 1 जुलाई 2023 को उसने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के इंटरमीडिएट कॉन्फिग्‍युरेशन पर पहला हॉट टेस्‍ट शुरू किया था, जिसे पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) के रूप में जाना जाता है।
यह परीक्षण भविष्य के प्रक्षेपण यानों के बूस्टर चरणों को शक्ति देने के लिए 2000 केएन (किलो न्यूटन) थ्रस्ट वाले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के लिए किया जा रहा था। परीक्षण 1.9 सेकेंड तक उम्‍मीद के अनुरूप चला जिसमें प्रज्वलन और उसके बाद के पीएचटीए (पावर हेड टेस्‍ट आर्टिकल) का प्रदर्शन सफल रहा।
इसरो ने कहा, “2.0 सेकंड पर, टर्बाइन दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि और उसके बाद टर्बाइन-गति में कमी देखी गई। एहतियाती कदम के तौर पर परीक्षण समाप्त कर दिया गया। इसका विश्लेषण लंबी अवधि के लिए आगे के हॉट टेस्‍ट से पहले और अधिक समझ प्रदान करेगा।” इसरो के अनुसार, परीक्षण का उद्देश्य 4.5 सेकंड की छोटी अवधि के लिए हॉट-फायरिंग करके गैस जनरेटर, टर्बो पंप, प्री-बर्नर और नियंत्रण घटकों जैसी महत्वपूर्ण उपप्रणालियों के एकीकृत प्रदर्शन का आंकलन करना था।
ईंधन और ऑक्सीडाइज़र पंपों को चलाने के लिए मुख्य टर्बाइन को चलाने वाले प्री-बर्नर कक्ष के भीतर गर्म गैस के प्रज्वलन और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन तरल ऑक्सीजन (एलओएक्स) और केरोसीन को मिलाकर बनाए गए प्रणोदक का उपयोग करता है। पीएचटीए इंजन विकास कार्यक्रम का पहला हार्डवेयर परीक्षण होता है। यह परीक्षण अर्ध-क्रायोजेनिक इंजनों के लिए आईपीआरसी में हाल ही में स्थापित समर्पित परीक्षण केंद्र से किया गया था। इसरो ने इस सुविधा में मई 2023 में पीएचटीए का परीक्षण शुरू किया था।
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