विज्ञान

इजरायली वैज्ञानिकों ने दी गोल्डफिश को गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग

Rani Sahu
7 Jan 2022 2:36 PM GMT
इजरायली वैज्ञानिकों ने दी गोल्डफिश को गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग
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इजरायल के वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश नाम की एक मछली को पानी की टैंक के अंदर गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग दी है

इजरायल के वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश नाम की एक मछली को पानी की टैंक के अंदर गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग दी है। इस स्पेशल गाड़ी को भी मछली के चलाने लायक डिजाइन किया गया है। इस गाड़ी को फिश ऑपरेटेड व्हीकल (FOV) का नाम दिया गया है। यह जीव चालक की सीट पर बने पानी के एक छोटे से टैंक में अलग-अलग दिशाओं में तैरकर विशेष रूप से डिजाइन की गई गाड़ी को चलाने में सक्षम है।

बेन-गुरियन विश्वविद्यालय में किया गया एक्सपेरिमेंट
इस एक्सपेरिमेंट को इजरायल में नेगेव के बेन-गुरियन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या मछली की नेविगेशन क्षमता यूनिवर्सल है या फिर वह सिर्फ अपने परिवेश (पानी) तक ही सीमित है। मूल रूप से वैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि क्या मछलियों का पानी के भीतर नौवहन कौशल हर जगह काम करता है या नहीं।
मछली के मूवमेंट से चलने वाली गाड़ी का किया इस्तेमाल
बायोमेडिकल इंजीनियरों और न्यूरोसाइंटिस्ट्स की एक टीम को इसे जांचने के लिए एक क्रिएटिव का सहारा लिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मछलियां सिर्फ पानी के भीतर ही सांस ले सकती हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों ने मोटर से चलने वाले पहियों से बने एफओवी का इस्तेमाल किया। जो एक कैमरा, कंप्यूटर और लाइट डिटेक्शन तकनीक की मदद से पानी की टैंक में मछली की गतिविधियों के हिसाब से दिशा बदलने में सक्षम था।
मछली को लंबे समय तक की गई ट्रेनिंग

इस परीक्षण को सफल बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश को लंबे समय तक ट्रेनिंग दी। शुरुआत में उन्होंने मछली को टैंक के अंदर मूवमेंट करने के लिए लिए खाने का लालच भी दिया। बाद में इस ट्रेनिंग के लिए कठिनाई के स्तर को और बढ़ाया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि वास्तव में गोल्डफिश सभी कठिनाइयों को पार करते हुए लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम थी। इस दौरान मछली ने रास्ते के सभी डेड इंड को भी पार किया।
रिसर्चर बोले- मछलियों में कठिन काम सीखने की क्षमता
बेन-गुरियन विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र शचर गिवोन ने कहा कि यह दर्शाता है कि गोल्डफिश में एक जटिल कार्य को सीखने की क्षमता होती है। यही कारण है कि वे ऐसे वातावरण में भी काम करने में सक्षम हैं, जो उनकी परिस्थितियों के विपरीत है। यह मछली समय के साथ अपने काम को करने में काफी ट्रेंड हो गई। जिससे उसने एफओवी पर अपना नियंत्रण को और ज्यादा मजबूत कर लिया।
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