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- व्रत रखने का भी है...
हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जिसकी हर परम्परा में वैज्ञानिक तर्क होता है, आइए कुछ परम्पराओं के बारे में चर्चा करते हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं हिंदू धर्म में जब भी कोई भी पूजा-पाठ या त्यौहार होता है तो आमतौर पर व्रत रखने की परम्परा देखने को मिलती है। व्रत का अर्थ है मन इंद्रियों को सात्विकता पूर्ण एकाग्र करने का संकल्प धारण करना तथा उपवास करना। उपवास (उप+वास) ईश्वर के ध्यान में बैठना। अक्सर कहते सुनते हैं कि व्रत करने से भगवान खुश होते हैं। वास्तव में भगवान मनुष्य के स्वस्थ रहने व अच्छे कर्मों से खुश होते हैं मात्र मनुष्य के भूखे रहने से खुश नहीं होते। व्रत का अभिप्राय: भूखा रहना नहीं अपितु, दृढ़ संकल्पित व सयंमित होकर अपने शरीर को विषाणु मुक्त करने की एक स्वच्छ प्रणाली है। व्रत को हमारे ऋषि मुनियों ने अपनी ध्यान साधना में महत्वपूर्ण बताया है।