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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पृथ्वी (Earth) पर आसमान का नीला रंग (Blue Colour Sky) बहुत आकर्षित करता है. इतना ही नहीं समय समय पर इसमें बदलाव भी देखने को मिलते हैं. बताया जाता है कि यह रंग हमें हमारी पृथ्वी के वायुमडंल की वजह से दिखाई देता है. ऐसे में एक जिज्ञासा यह पैदा होती है क्यों कि दूसरे ग्रहों पर भी, खासतौर से जहां वायुमंडल (Atmosphere of Planets) हैं वहां आकाश नीला ही दिखाई देता होगा. अगर नहीं तो वहां कैसा रंग दिखता होगा और वहां के वायुमंडल की भी वही प्रणाली होती होगी. आइए जानते हैं कि इस विषय पर क्या कहता है विज्ञान.
पृथ्वी का वायुमंडल
पृथ्वी की बात करें तो पृथ्वी का वायुमंडल बहुत घना नहीं है. लेकिन इसे किसी भी तरह से विरल भी नहीं कहा जा सकता है. यह बहुत सारी गैसों से बना है और ऊंचाई पर जाते जाते यह घनत्व कम भी होता जाता है. इसमें ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और पानी की वाष्प के अलावा कई और तरह की गैसें भी होती हैं. लेकिन उनकी मात्रा काफी कम है.
पृथ्वी की प्रणाली
यह वायुमडंल में गैसों का मिश्रण ही जो उसे रंग प्रदान करने का काम करता है. पृथ्वी के वायुमंडल की गैसें सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों में नीले रंग की किरणों को इधर उधर ही फैलाने की कोशिश करती हैं. इस प्रक्रिया को प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of Light) कहते हैं. लेकिन बाकी रंगों की किरणों वायुमंडल के गैसों के बीच में से पार निकल जाती हैं. इसी वजह से पृथ्वी पर आकाश हमें नीला दिखाई देता है.
यूरेनस और नेप्च्यून
एक सवाल यह उठता है कि क्या दूसरे ग्रहों में भी नीला वायुडमंल होता है. विज्ञान में इसका सीधा जवाब है हां. हमारे सौरमंडल के दो बड़े बर्फीले ग्रह नेप्चूयन और यूरेनस दोनों ही नीले रंग के दिखाई देते हैं. लेकिन उनके शेड्स अलग हैं. यानि इन दोनों ग्रहों के वायुमडंल हमारे ग्रह के वायुमडंल से अलग तरह के नीले रंग के होते हैं और इनके पीछे की वजह से यहां के वायुमडंल में बड़ी मात्रा में मौजूद मीथेन गैस होती है.
Space, Sky, Solar System, Earth, Planets, Sky, Colour of Sky, Atmosphere, Scattering of light, यूरेनस और नेप्च्यून (Uranus and Neptune) में मीथेन गैस के कारण अलग तरह के नीले रंग दिखाई देते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
दूर से भी नीला
ऐसा नहीं है कि पृथ्वी पर मीथेन नहीं है. यह गैस भी पृथ्वी पर है और बहुत कम भी नहीं है. लेकिन ज्यादा मात्रा में नहीं है. यूरेनस में मीथेन गैस की एक पूरी की पूरी परत मौजूद है. और इसी परत के कारण वहां का वायुमंडल थोड़ा नीला दिखाई देता है. और मजेदार बात यह है कि नेप्च्यून तो दूर से भी थोड़ा नीला दिखाई देता है.
शनि और यूरेनस में एक साझा तत्व
वहीं शनि ग्रह का वायुमडंल अलग ही रंग होता है. शनि के उच्च वायुमडंल में अमोनिया की बर्फ के क्रिस्टल इसे पीला रंग के होने का आभास देते हैं. वहीं गौर करने वाली बात यह भी है कि यूरेनस के वायुमडंल में भी अमोनिया होता है. इसी वजह वह पूरी तरह से नीला ना दिखकर हलका सा हरा रंग मिला हुआ नीला दिखाई देता है.
Space, Sky, Solar System, Earth, Planets, Sky, Colour of Sky, Atmosphere, Scattering of light, Jupiterगुरु ग्रह (Jupiter) का भूरे और नारंगी रंग का आसमान हैरान करता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
गुरु पर दो रंगों की पट्टियां
गुरु ग्रह की कहानी कुछ अलग है. वहां का खास वायुमडंल भूरा और नारंगी पट्टियों का आभास देता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी वजह वहां के वायुमंडल में मौजूद फॉस्फोसर और सल्फर के तत्व हो सकते हैं और इतना ही नहीं कुछ जटिल हाइट्रोकार्बन पदार्थों की भी इसमें भूमिका हो सकती है.
क्या कहता है विज्ञान: अंतरिक्ष कैसे पहुंचाए जाते हैं उपग्रह
इसके अलावा शुक्र ग्रह सौरमंडल का ऐसा ग्रह है जहां का वायुमंडल सबसे ज्यादा घना है. इसकी वजह से केवल 20 प्रतिशत ही प्रकाश उसकी सतह पर पहुंच पाता है. सोवियत वेनेरा प्रोब की तस्वीरें सुझाती हैं कि शुक्र ग्रह का आकाश नारंगी होता है. वहं सूर्य के सबसे पास का ग्रह बुध का कोई वायुमंडल नही नहीं है. अभी तक सौरमंडल से बाहर के बाह्यग्रहों के वायुमंडल का गहराई से अध्ययन नहीं हो सका है. फिर भी खोजे गए बाह्यग्रहों वायुमंडल या तो बहुत पतले होते हैं या फिर वह किसी अन्य पदार्थों के बने होते हैं. इन पर गहराई से अध्ययन के लिए शक्तिशाली टेलीस्कोप से जानकारी मिलने की उमीद है.
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