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अब चीन पृथ्वी के बाहर जीवन (Life beyond Earth) तलाशने की कोशिश करेगा और पृथ्वी जैसा दूसरा ग्रह (Earth 2.0) खोजने का काम करेगा. इस कदम से क्या वह खुद को नासा के समकक्ष लाना चाहता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन (China) हमेशा ही कुछ नए तरह के अंतरिक्ष अभियानों शुरू करता रहता है. चंद्रमा और मंगल पर अपने रोवर भेजने के बाद वह सौरमंडल से बाहर के अध्ययन के लिए गहरे अंतरिक्ष में जाने की तैयारी में लगा है. इससे पहले वह पृथ्वी की ओर आने वाले क्षुद्रग्रहों जैसे पिंडों की निगरानी के लिए योजना पर काम करने का ऐलान कर चुका है. अब चीन पृथ्वी के बाहर जीवन (Life beyond Earth) तलाशने की कोशिश करेगा और पृथ्वी जैसा दूसरा ग्रह (Earth 2.0) खोजने का काम करेगा. इस कदम से क्या वह खुद को नासा के समकक्ष लाना चाहता है.
अंतरिक्ष अन्वेषण के दायरे में विस्तार
चीन और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष की प्रतिस्पर्धा नई नहीं है. पिछले कई दशकों से चीन खुद को अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर स्थापित करने का प्रयास कर रह है. चीन ने ऐसे कई काम किए हैं जो पहले नासा जैसी शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसी तक ने नहीं किया. अब चीन अपने अंतरिक्ष अन्वेषण के दायरे में विस्तार लाना चाहता है जिसके लिए उसने सौरमंडल के बाहर बाह्यग्रहों की खोज करने वाले अभियान की योजना बना रहा है.
पृथ्वी के बाहर जीवन की तलाश
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य हमारी गैलेक्सी के अंदर ऐसे संसारों की तलाश करना होगा जो अपने तारों की आवासीय क्षेत्र में मौजूद होंगे. अर्थ 2.0 नाम के इस अभियान का लक्ष्य पृथ्वी जैसे ही आवासीय ग्रहों की खोज करना होगा. पृथ्वी के बारे में कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दशकों में यहां विनाशकारी स्थिति आ सकती है. नेचर की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेस का ही विचार है जिसका खाका बनाने का शुरुआती चरण चल रहा है.
जून में शुरू हो जाएगा काम
इसयोजना पर काम जून में शुरू हो सकता है जबतक विशेषज्ञों की टीम इसकी समीक्षा कर रही है पास होने पर इसके लिए एक विशेष सैटेलाइट तैयार करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इस अभियन में नया टेलीस्कपो गहरे अंतरिक्ष में बाह्यग्रहों का अध्ययन करेगा जिसमें ऐसे रासायनिक संकेतों की तलाश की जाएगी जो जीवन को शुरू करने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
कितना शक्तिशाली होगा ये टेलीस्कोप
रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान में सात टेलीस्कोप होंगे दो आसामान में विभिन्न दिशाओं में अवलोकन करने का काम करेंगे. यह नासा के केप्लर अभियान की ही तरह होगा. चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के सैटेलाइट नासा के केप्लर टेलीस्कोप से 1015 गुना ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं. यह अंतरिक्ष यान ट्रांजिट पद्धति का उपयोग करेगा.
नासा के टेस सैटेलाइट से भी बेहतर
इस टेलीस्कोप की खास बात यह होगी कि यह नासाके ट्रांजिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) की तरह काम करेगा, लेकिन ज्यादा शक्तिशाली टेलीस्कोप के कारण यह धुंधले और सुदूर तारों का भी अवलोकन कर सकेगा. इस यान में सातवां उपकरण ग्रेविटेशनल लेंसिंग तकनीक पर काम कर अपने तारों से दूर लावारिस या दुष्ट ग्रहों या नेप्च्यून जैसे ग्रहों की भी खोज कर सकेगा.
पृथ्वी जैसे ग्रह जल्दी ही
नासा ने हमारी गैलेक्सी में अभी तक 5000 से ज्यादा बाह्यग्रह खोजे हैं इनमें से ज्यादातर गुरु ग्रह या उससे बड़ ग्रह हैं. ट्रांजिट पद्धति से छोटे आकार के ग्रह नहीं खोजे जा सके हैं. इसके लिए नासा को शक्तिशाली टेलीस्कोप की जरूरत है. लेकिन चीन को उम्मीद है कि वह शुरुआती सालों में पृथ्वी जैसे एक दर्जन ग्रह खोज सकेगा.
इस प्रोजेक्ट की अगुआई करने वाले खगोलविद जियान जी ने बताया कि यह बहुत सारे आकंड़े होंगे और यह अभियान बेहतर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक अवसर है. अमेरिका और यूरोप के सहयोग से प्रक्षेपित हुआ जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पिछले साल ही प्रक्षेपित हुआ है जिससे अब तक की सबसे उन्नत वेधशाला माना जा रहा है. लेकिन चीन इससे भी बेहतर टेलीस्कोप बनाने की तैयारी में है
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