विज्ञान

Iran ने न्यूक्लियर साइट की फोटो खींचने पर लगाई रोक

Tara Tandi
23 May 2021 1:29 PM GMT
Iran ने न्यूक्लियर साइट की फोटो खींचने पर लगाई रोक
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ईरान की संसद के अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय निरीक्षक देश के परमाणु स्थलों की तस्वीरें अब हासिल नहीं कर पाएंगे.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ईरान(Iran) की संसद के अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय निरीक्षक देश के परमाणु स्थलों (Nuclear Sites) की तस्वीरें अब हासिल नहीं कर पाएंगे. उनके इस बयान से विश्व शक्तियों के साथ तेहरान (Tehran) के परमाणु समझौते को बचाने के लिए विएना में किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों के बीच तनाव बढ़ सकता है.

ईरान की संसद के अध्यक्ष मोम्मद बाघेर कलीबाफ ने रविवार को ये टिप्पणियां कीं जिन्हें सरकारी टेलीविजन ने प्रसारित किया. इससे अमेरिका तथा अन्यों देशों के साथ ईरान के समझौते की राह जटिल होती दिख रही है. इस्लामी देश पहले ही उस स्तर से अधिक यूरेनियम का संवर्धन तथा भंडार कर रहा है जिसकी अनुमति उसे 2015 के परमाणु समझौते में मिली थी.
ईरान के सर्वोच्च नेता ने किया समर्थन
कलीबाफ ने कहा कि इस संबंध में और तीन महीने की समयसीमा खत्म होने की अवधि के आधार पर निश्चित तौर पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के पास 22 मई से तस्वीरें हासिल करने का अधिकार नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा था कि उसके महानिदेशक विएना में रविवार को पत्रकारों को संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है.
एजेंसी ने 2017 में कहा था कि ईरान के साथ 'अतिरिक्त प्रोटोकॉल' के तहत आईएईए अपने निगरानी कैमरों से रोज ली गई हजारों तस्वीरों को 'एकत्रित करता है तथा उनका आकलन करता है.' ईरान की संसद ने दिसंबर में उस विधेयक को पारित कर दिया था जिसमें कहा गया कि अगर समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले यूरोपीय देशों ने फरवरी तक तेल और बैंकिंग प्रतिबंधों से राहत नहीं दी तो उसके परमाणु स्थलों पर संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षणों पर रोक लग जाएगी. कलीबाफ ने कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खान खमनेई ने इस फैसले का समर्थन किया है.
ईरान ने भारत को दिया झटका
परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका से तनावपूर्ण संबंधों के बीच ईरान के भारत के साथ रिश्तों में भी खटास आ रही है. ईरान ने भारत को फरजाद बी गैस परियोजना से बाहर कर अरबों डॉलर का झटका दिया है. भारत (India) की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने इसकी खोज की थी. अब ईरान का कहना है कि वो इस पर अपने आप काम करेगा. इससे पहले ईरान (Iran) ने भारत के चाबहार रेलवे लिंक प्रोजेक्ट के लिए 2 अरब डॉलर के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था.


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