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टाइम मैगजीन ने पहली बार किसी बच्चे को 'किड ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा है
टाइम मैगजीन ने पहली बार किसी बच्चे को 'किड ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा है और भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक गीतांजलि राव को 2020 के लिए किड ऑफ द ईयर चुना गया है. एक उभरती वैज्ञानिक और खोजकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली पंद्रह साल की गीतांजलि ने करीब पांच हजार बच्चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया है.
साइबर बुलिंग से निपटने के लिए एक ऐप तैयार करने से लेकर गीतांजलि अब पानी की शुद्धता जांचने की दिशा में तकनीक के इस्तेमाल पर काम कर रही हैं. साथ ही उनके सपनों को पंख लगना अभी बाकी है. टाइम के लिए अकेडमी अवॉर्ड विजेता एंजेलिना जोली ने गीतांजलि का जूम पर इंटरव्यू किया. हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जोली संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग की विशेष दूत भी हैं.
साइबर बुलिंग रोकने के लिए की गई खोज के बारे में बताते हुए गीतांजलि ने कहा कि ये एक तरह की सर्विस है, जिसका नाम Kindly है. ये एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है, जो शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ सकता है. ऐसा करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है. उन्होंने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्याएं सुलझाने तक सीमित नहीं रहा बल्कि अब मैं औरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं.
Introducing the first-ever Kid of the Year, Gitanjali Rao https://t.co/Hvgu3GLoNs pic.twitter.com/4zORbRiGMU
— TIME (@TIME) December 3, 2020
एंजेलिना जोली से अपनी खोज के बारे में चर्चा करते हुए गीतांजलि ने कहा कि जब मैं 10 साल की थी, तब मैंने कार्बन नैनोट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने के बारे में सोचा. यही बदलाव की शुरुआत थी, जब कोई इस काम को नहीं कर रहा तो मैं इसे करना चाहती हूं.
अपनी खोज के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह एक प्रोसेस को अपनाती हैं जिसमें सबसे पहले आता है ऑब्जर्व करना इसके बाद उसपर मंथन करती हूं, फिर उसके बारे में शोध करती हूं और तब जाकर निर्माण शुरू होता है. फिर इस बारे में संवाद किया जाता है.
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