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भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा: घातक पनडुब्बी आईएनएस वागशीर होगी लॉन्च, आधुनिक तकनीक से लैस
jantaserishta.com
14 April 2022 12:16 PM GMT
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नई दिल्ली: समुद्री सरहदों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना हमेशा तैनात रहती है. ताकि दुश्मन देशों की चालों को बेकार किया जा सके. इसी को रोकने के लिए कल यानी 15 अप्रैल 2022 को मुबंई के मझगांव डॉक्स पर भारतीय नौसेना के लिए नई पनडुब्बी लॉन्च की जाएगी. इसकी लॉन्चिंग प्रोजेक्ट-75 के तहत की जा रही है.
इस घातक पनडुब्बी का नाम है आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer). यह एक स्कॉरपीन यान कलवारी क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है. यह बेहद आधुनिक नेविगेशन, ट्रैकिंग प्रणालियों से लैस है. इसके साथ ही इसमें कई तरह के हथियारों को भी शामिल किया गया है.
प्रोजेक्ट-75 के तहत अभी तक 5 आधुनिक पनडुब्बी भारत की रक्षा में तैनात की गई हैं. अब इस प्रोजेक्ट की आखिरी पनडुब्बी आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) को लॉन्च किया जाएगा. दुश्मन के लिए कहर बनने वाली ये सबमरीन का फिलहाल 1 साल तक समुद्री परीक्षण होंगे. उसके बाद सबमरीन को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जाएगा.
आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) कई प्रकार के मिशनों को अंजाम दे सकती हैं. जैसे कि सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, समुद्री बारूदी सुरंग बिछाना, क्षेत्र की निगरानी आदि. पनडुब्बी को ऑपरेशन के समय हर परिस्थिति में संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है.
इस सबमरीन को मझगांव डॉक्स शिप बिल्ड्रर्स ने बनाया है. यह पूरी तरह से 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत बनाई गई है. आइए अब जानते हैं इस सबमरीन की खासियतें...यह कलवारी क्लास पनडुब्बी है. इस क्लास की पनडुब्बियों की लंबाई लगभग 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट होती है.
इनमें 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगे होते हैं. इसके अलावा 360 बैटरी सेल्स होती हैं. पानी की सतह पर इनकी गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, जबकि पानी के अंदर ये 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती हैं. इनकी रेंज इनकी गति के मुताबिक तय होती है. अगर यह सतह पर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, तो यह 12 हजार किलोमीटर तक चल सकती है. पानी के अंदर यह 1020 किलोमीटर की रेंज तक जा सकती है लेकिन गति 7.4 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी चाहिए.
यह 50 दिनों तक पानी के अंदर बिता सकती है. अधिकतम 350 फीट की गहराई जा सकती है. इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 सेलर तैनात किए जा सकते हैं. इनके अंदर एंटी-टॉरपीड काउंटरमेजर सिस्टम लगा है. इसके अलावा 533 मिमी के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते हैं, जिनसे 18 एसयूटी टॉरपीडोस या एसएम.39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं. इसके अलावा यह पानी के अंदर 30 समुद्री बारूदी सुरंग बिछा सकती है.
आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) के शामिल होने के बाद कलवारी क्लास की छह अटैक सबमरीन हो जाएंगी. इस क्लास में आईएनएस कलवारी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला और आईएनएस वागीर लॉन्च की जा चुकी हैं.
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