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ये जानकारी अपने उन अंतरिक्षयात्रियों से मिली है, जिन्होंने फ्लाइट-कंट्रोल सेंटर से बात की.
ISS Lost its Orientation in Space: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के ओरिएंटेशन सिस्टम (जीपीएस) यानी दिशा-निर्देश वाली प्रणाली ने अचानक काम करना बंद कर दिया है. ये घटना तब हुई, जब रूस के सोयूज एमएस-18 (Soyuz MS-18) मानवयुक्त अंतरिक्ष यान के इंजन की टेस्टिंग की जा रही थी. ये वही अंतरिक्षयान है, जो इस हफ्ते के आखिर में रूस की फिल्म क्रू को वापस धरती पर लाएगा. इस बात की जानकारी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दी है. उसे ये जानकारी अपने उन अंतरिक्षयात्रियों से मिली है, जिन्होंने फ्लाइट-कंट्रोल सेंटर से बात की.
अंतरिक्ष यात्री एंटोन श्काप्लेरोव ने मास्को के मिशन नियंत्रण केंद्र को बताया, 'हमें हमारे सहकर्मियों (आईएसएस के अमेरिकी सेगमेंट) से इमरजेंसी संदेश मिला है. जिसमें बताया गया है कि ओरिएंटेशन सिस्टम ने काम करना बंद दिया.' सेंटर ने बताया कि यह सोयुज एमएस-18 मिशन नियंत्रण केंद्र का परीक्षण था, जो आमतौर पर सक्रिय इंजनों के साथ किया जाता है. आईएसएस अभियान 66 को ले जाने वाला सोयुज एमएस अंतरिक्ष यान 5 अक्टूबर को आईएसएस में आया था. इसमें अभिनेत्री यूलिया पेरसिल्ड (Yulia Peresild), फिल्म निर्देशक क्लिम शिपेंको (Klim Shipenko) और अंतरिक्ष यात्री एंटोन श्काप्लेरोव (Anton Shkaplerov) सवार थे.
अंतरिक्ष पर होगी फिल्म की शूटिंग
रूस की 'फिल्म क्रू' अंतरिक्ष में पहली फीचर फिल्म की शूटिंग के लिए आईएसएस पहुंची है. इसका नाम 'द चैलेंज' रखा गया है. यहां पहुंचने पर रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग नोवित्स्की और प्योत्र डबरोव, नासा के अंतरिक्ष यात्री मार्क वंदे हाइ, शेन किम्ब्रू और मेगन मैकआर्थर, जापान के अकी होशिदे और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के थॉमस पेस्केट के अंतरराष्ट्रीय दल ने इनका स्वागत किया (Russian Film Shootin on ISS). फिल्म बनाने के लिए 12 दिनों तक टीम यहां रहेगी. ये अवधि जल्द ही पूरी होने वाली है.
कब लौटेगा ये चालक दल?
क्लिम शिपेंको और यूलिया पेरसिल्ड के 17 अक्टूबर को अंतरिक्ष यात्री ओलेग नोवित्स्की (Oleg Novitsky) के साथ एक कैप्सूल से पृथ्वी पर लौटने की संभावना है. नोवित्सकी पिछले छह महीनों से आईएसएस पर ही रह रहे हैं. वहीं रूस में ये बड़ा लॉन्च ऐसे वक्त पर हुआ है, जब यहां की अंतरिक्ष इंडस्ट्री चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है. सरकार का पूरा ध्यान अंतरिक्ष क्षेत्र पर ना होकर सैन्य क्षेत्र पर है. उसी पर ज्यादा खर्च किया जा रहा है.
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