विज्ञान

असंभव! पहली बार गैलेक्सी की थ्रीडी डिटेल इमेज आई सामने, नाचती हुई आकाशगंगाओं को किया कैप्चर

jantaserishta.com
14 March 2022 5:51 AM GMT
असंभव! पहली बार गैलेक्सी की थ्रीडी डिटेल इमेज आई सामने, नाचती हुई आकाशगंगाओं को किया कैप्चर
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फोटोः ESA/NASA/Hubble

नई दिल्ली: असंभव को संभव कर देना ही विज्ञान का काम है. बस जरूरत होती है सही तकनीक और धैर्य की. तकनीक तो खैर हबल टेलिस्कोप (Hubble Telescope) के पास है ही, धैर्य रखना था सही एंगल पर आने का. क्योंकि उसे ऐसी दो आकाशगंगाओं की तस्वीर लेनी थी, जो एक-दूसरे के ऊपर अलग-अलग दिशाओं में थीं. नाच भी रही थीं. साथ ही तीनों दिशाओं में इनके हिस्से फैले हुए थे. ऐसी जटिल सरंचना को एक तस्वीर में उतारना आसान नहीं था.

किस्मत अच्छी थी कि हबल टेलिस्कोप एक सही एंगल पर पहुंच गया. वहां से उसने देखा कि करीब 32 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर एंड्रोमेडा नक्षत्र (Andromeda Constellation) के अंदर दो आकाशगंगाएं अपनी-अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से आपस में बंधी हुई है. तेजी से घूम रही हैं. हबल टेलिस्कोप ने समय न गंवाते हुए इन दोनों आकाशगंगाओं की तस्वीर तो ली ही. साथ ही इस तस्वीर में दोनों आकाशगंगाओं के थ्री डायमेंशन डिटेल्स को कैप्चर किया.
तस्वीर में दिख रही ऊपर की तरफ वर्टिकली खड़ी छोटी गैलेक्सी का नाम है पोलर-रिंग गैलेक्सी आईसी 1559 (Polar Ring Galaxy IC 1559). उसके नीचे गोलाकर बड़ी घुमावदार गैलेक्सी का नाम है एनजीसी 169 (NGC 169). एकसाथ इन दोनों को आर्प 282 (Arp 282) कहा जाता है. यानी हाल्टन आर्प्स एटलस ऑफ पिक्यूलियर गैलेक्सीज.
नासा के अधिकारियों ने एक बयान जारी करके कहा कि आकाशगंगाओं का इस तरह से आपस में मिलकर नाचना बड़ी बात नहीं है. खगोलविद आकाशगंगाओं के मिलने की प्रक्रिया को स्टडी करते हैं. वो आपस में मिलती है, टकराती हैं. विस्फोट के साथ अलग होती हैं. हर घटना का एक अलग मतलब होता है. जिससे उनका आकार और व्यवहार बदलता है. हबल के लिए यह तस्वीर लेना बेहद मुश्किल था. क्योंकि ये दोनों आकाशगंगाएं अलग तरह से आपस में मिली हुई थीं.
आर्प 282 तीन डायमेंशन में थी. साथ ही उसके आसपास कई तारों का समूह भी है. धूल भी है. गैस भी हैं. लेकिन हबल टेलिस्कोप (Hubble Telescope) इतनी सही जगह पर था कि वह इन दोनों आकाशगंगाओं की सटीक फोटो ले सका. हालांकि ये इसलिए भी कठिन था, क्योंकि आर्प 282 एक खास एंगल पर मुड़ा हुआ भी है. अगर टेलिस्कोप NGC 169 के नीचे या ऊपर होता तो क्या ऐसी तस्वीर मिलती. एकदम नहीं मिलती. पोलर रिंग गैलेक्सी दिखती ही नहीं. या फिर बड़ी आकाशगंगा में मिली हुई दिखती.
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