विज्ञान

कोई ग्रह ठंडी तो कोई आग की तरह है गर्म, जानें सौर मंडल में मौजूद इन ग्रहों की खासियत

Khushboo Dhruw
26 April 2021 7:39 AM GMT
कोई ग्रह ठंडी तो कोई आग की तरह है गर्म, जानें सौर मंडल में मौजूद इन ग्रहों की खासियत
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हमारे सौर मंडल में कुल आठ ग्रह हैं

हमारे सौर मंडल में कुल आठ ग्रह हैं, जो सूर्य का चारों ओर चक्कर लगाते हैं. इन ग्रहों में कुछ ग्रह बेहद ही गर्म हैं तो कुछ इतने ठंडे की वहां इंसान जिंदा नहीं रह सकता है. किसी ग्रह पर सालों से आंधी चल रही तो किसी ग्रह के दो चांद हैं. आइए सौर मंडल के कुछ ऐसे ही फैक्ट्स के बारे में जाना जाए.


सौर मंडल में मौजूद बुध ग्रह सबसे छोटा ग्रह है और ये सूर्य के सबसे करीब स्थित है. हमारी धरती के चांद के मुकाबले बुध ग्रह थोड़ा सा ही बड़ा है. पृथ्वी की सतह से सूर्य को देखने पर वो जितना चमकदार दिखाई देता है उससे तीन गुना ज्यादा ये बुध ग्रह की सतह से देखने पर दिखाई देता है. सूर्य की रोशनी पृथ्वी के मुकाबले बुध ग्रह पर सात गुना ज्यादा चमकदार है.

बृहस्पति ग्रह हमारे सौर मंडल में मौजूद सबसे बड़ा ग्रह है. इस ग्रह पर पिछले 300 सालों से आंधी चल रही है और ये अभी भी जारी है. बृहस्पति के जिस जगह पर ये आंधी चल रही है, उसे 'ग्रेट रेड स्पॉट' कहा जाता है. इस आंधी की रफ्तार 270 मील प्रतिघंटा है. 'ग्रेट रेड स्पॉट' पृथ्वी की तुलना में दोगुना ज्यादा बड़ा है.

सौर मंडल में दूसरे नंबर पर मौजूद शुक्र ग्रह सबसे गर्म ग्रह है. इसके पीछे की वजह शुक्र ग्रह क घना वातावरण है, जो पृथ्वी के वातावरण के मुकाबले 100 गुना ज्यादा घना है. जब सूर्य की रोशनी इस घने वातावरण से गुजरती है तो ये सतह के तापमान को बढ़ा देती है. शुक्र ग्रह पर औसतन तापमान 468 डिग्री सेल्सियस है.
अरुण ग्रह सौर मंडल का सबसे ठंडा ग्रह है. ये हमारे सौर मंडल में आठवें स्थान पर है और सूर्य से इसकी दूरी की वजह से यहां बेहद ही ठंडा तापमान है. अरुण ग्रह पर औसतन तापमान -214 डिग्री सेल्सियस होता है.

सौर मंडल में चौथे नंबर पर मौजूद मंगल ग्रह के दो चंद्रमा हैं. इसके चंद्रमा सौर मंडल में मौजूद सभी चंद्रमाओं में सबसे छोटे हैं. मंगल के दोनों चंद्रमाओं के नाम फोबोस और डीमोस है. इन दोनों की मंगल की सतह से दूरी छह हजार किलोमीटर है.

धरती पर मौजूद ग्रेविटी की वजह से इंसान ठीक तरीके से सतह पर चल पाता है. लेकिन अगर ग्रेविटी नहीं होगी तो इससे हमारी रीढ़ की हड्डी को बढ़ने में मदद मिलेगी. इस तरह अगर आप बाहरी अंतरिक्ष में रहते हैं, जहां ग्रेविटी नहीं होती है, तो आपकी लंबाई पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में कम से कम पांच सेमी तक बढ़ सकती है.


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