विज्ञान

अगर अंतरिक्ष में आया Heart Attack तो Astronauts बचाव के लिए तुरंत उठाएंगे ये कदम

Gulabi
3 Dec 2020 11:00 AM GMT
अगर अंतरिक्ष में आया Heart Attack तो Astronauts बचाव के लिए तुरंत उठाएंगे ये कदम
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अंतरिक्ष के बारे में सोचकर ही मन में कई सवाल और रोमांचक ख्याल उमड़ने लगते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली: अंतरिक्ष के बारे में सोचकर ही मन में कई सवाल और रोमांचक ख्याल उमड़ने लगते हैं. अब तक तो अंतरिक्ष की यात्रा केवल एस्ट्रोनॉट्स (Astronauts) के लिए ही संभव थी. लेकिन अब अंतरिक्ष यात्राओं (Space Travel) को एक बड़े उद्योग में बदला जा रहा है. अब अंतरिक्ष यात्राएं केवल एस्ट्रोनॉट्स ही नहीं, आम इंसान भी कर सकेंगे. आने वाले समय में अंतरिक्ष पर्यटन (Space Tourism) एक बड़ा उद्योग होगा, जिसमें हर तरह के लोग यात्रा कर सकेंगे.


अब लोग अंतरिक्ष की यात्रा (Space Travel) करेंगे तो वहां सुविधाएं भी उसी हिसाब से तय की जाएंगी. दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने जैसी बड़ी बीमारियों के लिए पहले से तैयारी करना जरूरी है. इसके लिए वैज्ञानिक नई तकनीक पर काम कर रहे हैं.


ऐसे काम करती है CPR तकनीक

धरती पर किसी को दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में मरीज का इलाज सीपीआर तकनीक (CPR Technique) से किया जाता है. सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (Cardio Pulmonary Resuscitation) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें अचानक से दिल का दौरा पड़ने पर दूसरा व्यक्ति उस व्यक्ति को दिल पर दबाव देने के साथ ही उसे अपने मुंह से सांस देता है. इससे उसका दिल फिर से धड़कने लगता है.


हालांकि ठीक इसी तरह का उपचार अंतरिक्ष में देना संभव नहीं है. अब तक स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स को दिल का दौरा पड़ने जैसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है. दरअसल, अभी तक सिर्फ फिट एस्ट्रोनॉट ही अंतरिक्ष में गए हैं और वह भी कुछ ही समय के लिए. ऐसे में वैज्ञानिक नई तकनीक पर काम कर रहे हैं.

वैज्ञानिक अब लंबे समय के अभियान की तैयारी में जुटे हुए हैं. मंगल और सुदूर अंतरिक्ष अभियानों की तैयारी तो हो ही रही है, चंद्रमा और मंगल पर तो बस्तियां भी बसाने की तैयारी शुरू हो चुकी है और अंतरिक्ष पर्यटन अब साइंस फिक्शन के शब्दकोश से गायब होकर वास्तविक रूप लेने वाला है.

अंतरिक्ष में आपातकाल चिकित्सा पर रिसर्च

अब अंतरिक्ष में यात्राएं (Space Travel) होंगी तो चिकित्सा समस्या भी आ सकती है. इस पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. सोसाइटी ऑफ एविएशन एंड स्पेस मेडिसिन के उपाध्यक्ष प्रोफेसर योफेन हिंकेलबेन और उनके साथ स्टीफन केर्कहॉफ ने अंतरिक्ष में सीपीआर संबंधी नया शोध किया है. इस अध्ययन में योफेन ने यह बताया है कि यदि किसी को अंतरिक्ष में कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़े तो उसे कैसे सीपीआर देना चाहिए.


प्रोफेसर योफेन हिंकेलबेन का कहना है कि मंगल जैसी यात्रा के दौरान अगर किसी आपात स्थिति में किसी यात्री को इलेक्ट्रिकल स्ट्रोक, ट्रॉमा या फिर टॉक्सिकेशन जैसे हालात का सामना करना पड़ जाए तो उन हालातों में हृदयाघात की पूरी आशंका होती है.


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