विज्ञान

आंखों पर नहीं हो रहा था यकीन, समुद्र के अंदर दिखा कुछ ऐसा नजारा

jantaserishta.com
17 July 2022 9:55 AM GMT
आंखों पर नहीं हो रहा था यकीन, समुद्र के अंदर दिखा कुछ ऐसा नजारा
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: नाओमी मैकिनॉन (Naomi McKinnon) अपने दो साथियों के साथ छोटे जहाज पर सवार थीं. वे जावा (Java) के इंडोनेशियाई आईलैंड के दक्षिणी हिस्से से गुजर रही थीं, तब समुद्र को देखकर उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. रात का समय था, चांद भी नहीं था, लेकिन अपने चारों ओर उन्हें समुद्र का पानी चमकता हुआ दिखाई दे रहा था.

अगस्त 2019 में मिस मैकिनॉन (Ms. McKinnon) और उनके 6 साथियों ने भी समुद्र के पानी को ग्लो करते हुए पाया था. यह इतना चमकीला और बड़ा इलाका था कि सैकड़ों मील की दूरी पर एक सैटेलाइट ने भी पानी की इस चमक को रिकॉर्ड किया था.
पिछली गर्मियों में, वैज्ञानिकों की एक टीम ने सैटेलाइट की इस खोज के बारे में बताया था, जिससे पृथ्वी की सबसे हैरान करने वाली विशेषता के बारे में पता लगा था. समुद्र चमकते (Bioluminescent sea) हुए तब दिखते हैं, जब असंख्य छोटे बैक्टीरिया एक साथ प्रकाश पैदा करते हैं. इस घटना को मिल्की सी (Milky Sea) कहा जाता है.
इस पेपर को लिखने वाले शोधकर्ता और कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के सैटेलाइट एक्सपर्ट स्टीवन डी मिलर (Steven D. Miller) का कहना है कि मिस मैककिनॉन और उनके साथियों ने पानी लेकर एक प्रयोग किया जिसने अनजाने में ही सैटेलाइट के नतीजों की पुष्टि की. पिछले साल के अंत में, जब मिस मैकिनॉन को डॉ. मिलर के शोध के बारे में पता चला तो वह सामने आईं और उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस बात की पुष्टि की गई.
डॉ. मिलर ने हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की कार्यवाही में, बताया कि समुद्र की सतह पर, बायोलुमिनसेंस आम तौर पर यह तब होता है जब तरंगें या अन्य तरह की हलचल सूक्ष्मजीवों को उत्तेजित करती हैं, और वे चमकते हैं. रात में समुद्र के किनारे जाने वाले लोगों ने समुद्री लहरों में नीले-हरे रंग की चमक देखी है.
इंग्लैंड के एक रिटायर्ड डॉक्टर जोहान लेमेंस (Dr. Johan Lemmens) एक सेलबोट से पूरी दुनिया घूमने निकले थे. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर समुद्र तब चमकता है जब लहरें चमकती हैं या आपके पीछे कहीं प्रकाश होता है. आप इसे साल में दो या तीन बार देखते हैं, लेकिन यह अलग था. समुद्र चमक रहा था, लेकिन लहरें काली ही थीं. ये वास्तव में हैरान करने वाली बात थी. इससे पता चलता है कि चमक समुद्र के अंदर से आ रही थी.
उन्होंने समुद्र में एक बाल्टी डाली और पानी का सैंपल लिया. जिसमें प्रकाश के कई बिंदु थे, जो पानी के हिलते तक लगातार चमकते रहे थे. लेकिन इसके बाद चमक खत्म हो गई और पानी सामान्य हो गया.
मिस मैकिनॉन ने कहा कि उन्हें पानी में चमक रात 9 बजे के आसपास दिखी थी. रात में ये चमक और तेज हो गई और भोर तक चली. सैटेलाइट से पता चला कि इंडोनेशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले द्वीप जावा के दक्षिण में चमकता हुआ पैच, कम से कम 45 रातों तक बना रहा था.
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