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कोरोना की दूसरी लहर आई तो वायरस का रूप पहले की अपेक्षा बदला हुआ था
कोरोना की दूसरी लहर आई तो वायरस का रूप पहले की अपेक्षा बदला हुआ था। हालांकि यह सिर्फ चिकित्सा विशेषज्ञों के कयास में ही है। इसका रूप कैसा रहा, यह जानने की कोशिश वैज्ञानिक स्तर पर जारी है। इस जिज्ञासा में प्रयागराज भी शामिल है, यह बात और है कि यहां से भेजे गए सैम्पल की जांच रिपोर्ट दिल्ली से अभी वापस नहीं आई है। जांच के लिए मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज से 15 सैम्पल दो सप्ताह पहले ही आइजीआइबी दिल्ली भेजे गए हैं।
दिल्ली के लैब में कोरोना वायरस की वैज्ञानिक स्तर पर हो रही जांच
दिल्ली के साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट आइजीआइबी यानी इंस्टीट्यूट ऑफ ज्योनामिक्स एंड इंटीग्रेटेड बाइयोलॉजी में कोरोना वायरस की वैज्ञानिक स्तर पर जांच हो रही है। पता लगाया जा रहा है कि कोरोना वायरस किस रूप में आकर लोगों को संक्रमित कर रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि म्यूटेंट एक संक्रमित के शरीर मे कैसे बदल कर फेफड़े को काफी तेजी से डैमेज करता रहा। इसका पता चलते ही आगे के लिए सतर्क रहने की स्वास्थ्य विभाग की मंशा है।
मेडिकल कालेज की माइक्रो बायलाजी लैब की सैम्पल प्रभारी ने कहा
प्रयागराज मेडिकल कालेज की माइक्रो बायलाजी लैब की सैम्पल जांच प्रभारी डॉक्टर मोनिका सिंह ने बताया कि दिल्ली से अभी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। वायरस की जांच के लिए स्थानीय स्तर पर कोई लैब नहीं है। उन्हाेंने कहा कि पिछले महीने ही 15 संक्रमितों के सैम्पल भेजे गए हैं।
कोरोना का असर कम होने पर लैब पर अब कम लोड
माइक्रो बाइयोलॉजी लैब पर अब जांच का लोड कम हो गया है। अप्रैल महीने में जहां 10 हजार से अधिक सैम्पल की जांच हो रही थी और प्रत्येक दिन केस बढ़ते ही जा रहे थे वहीं अब सैम्पल आठ हजार के आसपास ही भेजे जा रहे हैं और संक्रमित 12 मिल रहे हैं। कोरोना का असर कम होने पर लैब में टेस्टिंग सामान्य तौर पर हो रही है।
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