विज्ञान

अजगर कैसे निगल लेते हैं सबकुछ! अध्ययन में हुआ खुलासा

Subhi
11 Oct 2022 4:11 AM GMT
अजगर कैसे निगल लेते हैं सबकुछ! अध्ययन में हुआ खुलासा
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अजगर दुनिया का ऐसा जीव जिसके बारे में माना जाता है कि वह अपने से बड़े जानवरों (Animals) की भी निगल सकता है. बर्मा के अजगर (Burmese pythons) करीब 5 मीटर लंबे होते हैं

अजगर दुनिया का ऐसा जीव जिसके बारे में माना जाता है कि वह अपने से बड़े जानवरों (Animals) की भी निगल सकता है. बर्मा के अजगर (Burmese pythons) करीब 5 मीटर लंबे होते हैं और वे हिरण से लेकर मगरमच्छ तक निगलने के लिए बदनाम हैं. उनके केवल आकार से ही पता नहीं चल पाता है कि उनका मुंह इतना ज्यादा कैसे खुल (jaw Stretching) जाता है. नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने विस्तार से पता लगाया है कि ये अजगगह कैसे इस तरह की विशेषता विकसित कर पाए हैं की उनका जबड़ा इतना ज्यादा खुल जाता है कि वे अपने आकार से छह गुना ज्यादा जानवर तक निगल लेते हैं.

अपनी विविध भूख के बावजूद भी जगंली बर्मी अजगर (Burmese pythons) वास्तव में अपने घर दक्षिण पूर्व एशिया में अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि इंसानों ने उनके आवास के हिस्से को हड़प लिया है. लेकिन फ्लोरीडा में भी कुछ बर्मी अजगर रखे गए हैं जहां के परिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) की मूल प्रजातियों के लिए वे खतरा बन गए हैं और जो भी जानवर (Animals) उन्हें दिखाई देता है वे उसे निगल लेते हैं. दक्षिण पश्चिम फ्लोरीडा की कंजरवेंसी के पर्यावरण वैज्ञानिक लैन बार्टोस्जेक कहते हैं कि एवरग्लेड्स पारिस्थितिकी तंत्र एक ही प्रजाति की वजह से बदल रहा है और वह बर्मी अजगर हैं.

नए अध्ययन में बार्टोस्जेक और उनके तीन अन्य साथी शोधकर्ताओं ने इस विशाल सांप (Snake) के जीवविज्ञान का नजदीकी से, खास तौर पर उनके लगभग हर जीव को खाने की क्षमता का अध्ययन किया. अध्ययन में पाया गया कि अपने बड़े चौड़े मुंह की और ज्यादा खोलने के लिए बर्मी अजगर (Burmese pythons) में एक खास विशेषता का विकास हुआ है. उनके निचले जबड़े के बीच की अति लचीली चमड़ी (Elastic Skins) उन्हें उनसे भी बड़े जानवरों को निगलने में मदद करती है जो बड़े जानवरों की जबड़ों से भी संभव नहीं हो पाता है.

सांप (Snake) अपने शिकार को पूरा निगलने की कोशिश करते हैं , उन्हें पहले चबाते नहीं हैं उनका मुंह इस मामले में उनकी मदद करता है कि वे क्या खा सकते हैं. इंसान और अन्य स्तनपायी जानवरों (Mannals) के निचलने जबड़े की तुलना में सांपों के निचले जबड़े की हड़्डियां कठोर रूप से जुड़ी हुई नहीं होती हैं बल्कि वह हलके रूप में ही इलास्टिक लिगामेंट के जरिए जुड़ी होती है इससे उनका मुंह कहीं ज्यादा खुल पाता है. फिर भी समान्य सांपों के ज्यादा खुलने वाले जबड़ों की तुलना में बर्मी सांपों (Burmese pythons)के निचले जबड़ों की की लचीली चमड़ी उन्हें एक अलग ही स्तर का लचीलापन देती हैं.

सांपों (Snakes) के खुले जबड़ों की उनके शरीर के आकार से तुलना करने के लिए शोधकर्ताओं ने पेड़ों पाए जाने वाले कत्थई सापों की तुलना बर्मी अजगर (Burmese pythons)से की. ये छोटे सांप पक्षी और छोटे जीवों को खाते हैं. इसके जरिए शोधकर्ताओं ने आंकलन किया कि सांप कितने बड़े से बड़ा जानव (Animals) खा सकते हैं. उन्होंने पाया कि छोटे सांपों का मुंह ज्यादा खुल सकता है और वे अपने शरीर की तुलना में ज्यादा बड़े शिकार खा सकते हैं.

शोधकर्ताओं ने पाया कि आकार में बड़ा होने से सांप (Snake) ज्यादा तरतह के जानवरों (Animals) का शिकार कर सकते हैं और इससे दूसरे शिकारी जानवरों का शिकार होने से भी बचे रहते हैं. एक बार बड़ा आकार होने पर वे मगरमच्छ (Alligaotrs) जैसे जानवर तक को निगल सकते हैं जो खुद उन्हें खा लेते हैं और शोधकर्ताओं ने बताया कि अजगर वाकई मगरमच्छ को भी खाते हैं.

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