विज्ञान

ब्रह्माण्ड की कैसे हुई थी उत्पत्ति?, पढ़ें क्या है सच

Gulabi Jagat
30 July 2022 2:24 PM GMT
ब्रह्माण्ड की कैसे हुई थी उत्पत्ति?, पढ़ें क्या है सच
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क्या वाकई ब्रह्माण्ड (Universe) की उत्पत्ति हुई थी? क्या अंतहीन स्वरूप की तरह दिखाई देने वाले ब्रह्माण्ड का इतिहास भी अंतहीन है या फिर क्या जितना कि हमारे वैज्ञानिकों को पता चल सका है, बिग बैंग (Big Bang) ही हमारे ब्रह्माण्ड की शुरुआत है. अगर ऐसा है तो बिग बैंग का आरंभ किसने किया या फिर इसकी शुरुआत कैसे हुई. यह एक बड़ा रहस्य है. लेकिन पिछले कुछ दशकों में हमें मिले उन्नत टेलीस्कोप और उपकरणों में हमें इस दिशा में क्या नई जानकारी दी है. आखिर वैज्ञानिक और उनका विज्ञान (Science) इस पड़ताल में कहां तक पहुंचा है. आइए जानने का प्रयास करते हैं क्या कहता है विज्ञान?
अब भी एक रहस्य?
बिग बैंग किसने शुरू किया इस मामले में विज्ञान अभी किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की स्थिति नहीं है. और अब भी यह एक बड़ा रहस्य बना हुआ है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा जाए तो बिग बैंग वास्तव में ब्रह्माण्ड, समय, अंतरिक्ष और पदार्थ के इतिहास के बारे में एक विचार भर हैं जो अभी वैज्ञानिकों के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार ब्रह्माण्ड की शुरुआत कहा जा सकता है.
13.8 अरब साल पुराना?
अभी के अवलोकनों के अनुसार ब्रह्माण्ड 13.8 अरब साल पुराना है और उस समय यह बहुत छोटा हुआ करता था. अवलोकन यह भी सुझाते हैं कि सेकेंड के पहले हिस्से में ब्रह्माण्ड बहुत ही तेजी से विस्तारित हुआ था और उसके बाद धीमा हो गया था. कुछ लाख साल बाद सबसे पहले सरलतम परमाणु हाइड्रोजन का निर्माण हुआ, जिसके बाद तारों और फिर गैलेक्सी के बनने की प्रक्रियाएं शुरू हुईं.
तारे और विस्तार
अरबों साल बाद पृथ्वी का निर्माण हुआ जो तारे के अंदर से परमाणु से बनी. हकीकत यह है कि हमारे शरीर का सरल से लेकर जटिल तक हर परमाणु पिछले 13.8 अरब सालों में कभी ना कभी किसी तारे का हिस्सा था. और इस दौरान ब्रह्माण्ड विस्तारित हो रहा है और उससे भी खास बात यह है कि आज इसके विस्तार की रफ्तार तक तेजी से बढ़ रही है.
बहुत कुछ स्पष्ट नहीं
बिग बैंग का विचार इन सभी अवलोकनों से इत्तेफाक रखता है यानि सहमत है, इसलिए वैज्ञानिको को लगता है कि बिग बैंग का विचार ब्रह्माण्ड क इतिहासकी सही तरह से व्याख्या करता है. लेकिन खुद यह विचार ही सटीक नहीं है. हम यह नहीं जानते ब्रह्माण्ड पहले सेकेंड में तेजी सेक्यों फैला और फिर धीमा क्यों हो गया. हम नहीं जान सके हैं कि अब ब्रह्माण्ड की विस्तार में तेजी क्यों आ रही है और यह बिग बैंग शुरुआत के पीछे क्या था.
उम्मीद कायम है
लेकिन वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी है वे इस समय केवल कुछ भी खारिज करने की स्थिति में नहीं हैं. मुर्चीसन वाइडफील्ड ऐरे जैसे वेरी लार्ज टेलीस्कोप ऐसे अवलोकन कर सकते हैं जिनसे यह समझने में मदद मिल सकती है कि ब्रह्माण्ड का उद्भव कैसे हुआ था. दिलचस्प बात यह है कि खुद बिग बैंग के विचार को विकसित होने में सौ साल लग गए थे.
रोचक है भविष्य
वैज्ञानिकों को पास बहुत सी व्याख्याएं भी हैं, लेकिन उन सभी मतों को हमारे ब्रह्माण्ड के अवलोकनों से सम्मत होना होगा. इस दिशा में भविष्य बहुत ही रोचक होने वाला है. अब ऐसी मशीने बन सकती हैं जिससे हम परमाणुओं के भी टुकड़े कर सकते हैं. इससे हम यह जान सकते हैं कि बिग बैंग के ठीक बाद में क्या हुआ होगा.
अब हम शक्तिशाली टेलीस्कोप बना सकते हैं ज तारों और गैलेक्सी का काफी विस्तार सेअध्ययन कर सकते हैं. अपनी उन्नत मशीनों और टेलीस्कोप के जरिए हमें पता लगा सकते हैं बिग बैंग के बारे में कितने विचार सही हैं या कितने गलत. कई बार नए विचारों को पनपने में सालों का वक्त लग जाता है. लेकिन ऐसे विचार अचानक भी जन्म लेते हैं. बिग बैंग की गुत्थी समय की ही बात हो सकती है.
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