विज्ञान

कोरोना के नए वेरिएंट XE है कितना खतरनाक, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, जान लें इसके लक्षण

Rani Sahu
6 April 2022 5:55 PM GMT
कोरोना के नए वेरिएंट XE है कितना खतरनाक, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, जान लें इसके लक्षण
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कोरोना का एक और वेरिएंट दुनिया भर में डर पैदा कर रहा है

नई दिल्ली: कोरोना का एक और वेरिएंट दुनिया भर में डर पैदा कर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों से एशिया और यूरोप के कई देशों को कोरोना वायरस की चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है। अचानक कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। इसके पीछे कोरोना के नए वेरिएंट XE को माना जा रहा है। भारत में भी XE वेरिएंट ने दस्तक दे दिया है। बुधवार को मुंबई में एक साथ दो नए वेरिएंट के केस की पुष्टी के बाद हड़कंप मच गया है।

जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान कुल 376 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 230 मुंबई के ही थे। जीनोम सीक्वेंसिंग परीक्षण का यह 11वां बैच था। 230 में से 228 सैंपल ओमीक्रॉन के हैं, शेष- 1 कप्पा वैरिएंट का है और 1 XE वेरिएंट का है। वैज्ञानिकों ने पहले ही इस वायरस को लेकर चेतावानी दी है। उनका कहा है कि ये वेरिएंट ओमीक्रॉन से ज्यादा खतरनाक है और तेजी से फैलता है।
कितना खतरनाक है XE वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसको लेकर चिंता कर चुका है। XE ओमिक्रॉन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है। यानी की ये वेरिएंट दो स्ट्रेन से मिलकर बना हुआ है। अगर इसकी गंभीरता की बात करें, तो संगठन ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह कितना घातक है लेकिन इसके लक्षणों और संकेतों को जानने से इस संक्रमण से बचने में मदद मिल सकती है
क्या हैं इसके लक्षण
इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे हैं। मरीजों में ब्रेन फॉग, डेलेरियम, त्वचा में जलन या रंग बदलना जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। बुखार कोरोना का सबसे आम लक्षण है और महामारी की शुरुआत से यह लक्षण बना हुआ है। इस वेरिएंट की सबसे डराने वाली बात ये है कि इसकी ग्रोथ रेट काफी हाई है। WHO के मुताबिक, BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक है। इसका मतलब है कि यह ओमिक्रॉन के ओरिजनल वैरिएंट से 43% ज्यादा तेजी से फैलने वाला है।
ब्रिटेन में XE वैरिएंट (BA.1 + BA.2) के लगभग 800 मामलों मिले हैं। यूकेएचएसए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 मार्च तक देश भर में 763 मामले सामने आए हैं। इनमें से 637 का पता इंग्लैंड में चला, ज्यादातर मामले इंग्लैंड के पूर्व, इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व और लंदन में थे।
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