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- विशाल रोबोट पार कर गया...
रोबोटिक्स की दुनिया लगातार बदल रही है. अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो अपना आकार बदलता है. वैसे तो वह सॉलिड फॉर्म में है लेकिन अगर उसके कहीं से बाहर निकलना है तो वह लिक्विड यानी तरल हो जाता है. उसके बाद फिर से अपने पुराने फॉर्मेट में आ जाता है. यह काम करने से उसकी ताकत या क्षमता में कोई कमी नहीं आती.
वह नरम भी हो सकता है और सख्त भी. असल में ऐसा रोबोट बनाने के लिए वैज्ञानिकों को समुद्री-खीरे (Sea Cucumber) नाम के जीव से आइडिया मिला है. इससे पहले कभी ऐसा रोबोट नहीं बना जो अपना आकार बदलकर किसी भी छोटी से छोटी जगह से निकल जाए. उम्मीद जताई जा रही है कि इस रोबोट का फायदा भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक असेंबलिंग यूनिट्स और मेडिकल एप्लीकेशन में किया जा सकता है. द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग के इंजीनियर चेंगफेंग पैन ने कहा कि रोबोट को लिक्विड और सॉलिड स्टेट में खुद को बदलने की ताकत देना उनकी क्षमताओं को बढ़ा देता है.
चेंगफेंग ने कहा कि ऐसे रोबोट्स का फायदा हमें भविष्य में कई तरह से मिल सकता है. ये इंसानों के साथ मिलकर कई तरह नए टूल्स बना सकते हैं. रिपेयरिंग का काम कर सकते हैं. शरीर के टारगेटेड हिस्से में दवा की डिलीवरी कर सकते हैं. क्योंकि ये नरम हैं. जबकि सख्त पदार्थ ऐसे काम नहीं कर सकते. हालांकि आमतौर पर नरम रोबोट्स को कमजोर माना जाता है, लेकिन ये रोबोट कमजोर नहीं है. सॉलिड फॉर्म में आते ही वापस से मजबूत हो जाता है.
चेंगफेंग और उनके साथी क्विंगयुआन वांग ने बताया कि इस रोबोट की लोड कैपेसिटी कम नहीं हुई है. यह अपनी शारीरिक सरंचना बदलकर खुद को किसी भी विपरीत परिस्थिति से बाहर निकाल सकता है. इसकी जांच करने के लिए उन्होंने रोबोट को एक बेहद छोटे से जेल में रखा. लेकिन ये बार-बार उस जेल की सलाखों से बाहर निकल आए. वैज्ञानिकों ने इस रोबोट को बनाने के लिए गैलियम (Gallium) का इस्तेमाल किया. यह एक नरम धातु है. जो 29.76 डिग्री सेल्सियस पर पिघल जाता है. यानी इंसान के शरीर का औसत तापमान. आप गैलियम को अपने हाथ में पकड़ कर पिघला सकते हैं. वैज्ञानिकों ने गैलियम मैट्रिक्स को मैग्नेटिक पार्टिकल्स से मिला दिया. इसे नाम दिया मैग्नेटोएक्टिव सॉलिड-लिक्विड फेज ट्रांजिशनल मशीन.
कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियर कार्मेल मजीदी कहती हैं कि मैग्नेटिक पार्टिकल्स को दो काम होते हैं. पहला तो ये कि वह गैलियम मैट्रिक्स को अल्टरनेटिंग मैग्नेटिक फील्ड के लिए एक्टिव कर सके. इससे इंडक्शन पैदा होता है. पदार्थ में गर्मी पैदा होती है. वो पिघलने लगता है. दूसरा ये कि मैग्नेटिक फील्ड की वजह से गैलियम को मोबिलिटी मिलती है. इसके बाद रोबोट बनाया गया. फिर उसकी मोबिलिटी और आकार बदलने की क्षमता की जांच की गई.
ये रोबोट सिर्फ आकार ही नहीं बदलता. यह छोटी-मोटी बाधाओं को पार कर सकता है. किसी बाधा के ऊपर से या जगह मिले वहां से निकल सकता है. यहां तक कि खुद को तोड़कर अलग करके फिर से वापस जुड़ सकता है. इसे खुद को फिर जोड़कर पुराने शेप में आना पता है. एक बार तरल बनने के बाद यह फिर से सॉलिड हो जाता है. यानी सख्त हो जाता है.