विज्ञान

धरती के करीब से गुजरेगा विशालकाय ऐस्टरॉइड

Rani Sahu
17 Jan 2022 5:48 PM GMT
धरती के करीब से गुजरेगा विशालकाय ऐस्टरॉइड
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एक विशालकाय ऐस्टरॉइड पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है

एक विशालकाय ऐस्टरॉइड पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। लेकिन डरने की बात नहीं है क्योंकि यह किसी साइंस फिक्शन मूवी की तरह धरती से नहीं टकराएगा। दरअसल यह पृथ्वी से लगभग 1.2 मिलियन मील यानी करीब 20 लाख किमी की दूरी पर से गुजरेगा। यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से पांच गुना ज्यादा है। मंगलवार को इसके गुजरने की उम्मीद है। ऐस्टरॉइड 7482 (1994 पीसी1) का आकार लगभग एम्पायर स्टेट बिल्डिंग के बराबर है।

यह करीब आधा मिलियन चौड़ा है और नासा के वैज्ञानिक इसे ट्रैक कर रहे हैं। इसे 1994 में खगोलशास्त्री आरएच मैकनॉट ने इसे खोजा था। यह ऐस्टरॉइड हाल के हफ्तों में पृथ्वी के पास से गुजरने वाले कई बड़े ऐस्टरॉइड्स में से एक है। नासा ने बुधवार को ट्विटर पर पोस्ट किया था, 'नियर-अर्थ ऐस्टरॉइड 1994 पीसी1 बहुत प्रसिद्ध है और दशकों से हमारे ग्रह रक्षा विशेषज्ञ इसका अध्ययन कर रहे हैं। आश्वस्त रहें कि 1994 पीसी1 सुरक्षित रूप से हमारे ग्रह के ऊपर से उड़ान भरेगा।'
परमाणु विस्फोट की तुलना में अधिक ऊर्जा
यूनिस्टेलर के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी और SETI संस्थान के वरिष्ठ ग्रह खगोलविद फ्रेंक मार्चिस ने यूएसए टुडे को बताया कि अगर यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से टकराता है तो यह 'बड़े स्तर पर तबाही' मचा सकता है क्योंकि इसमें किसी परमाणु विस्फोट की तुलना में अधिक ऊर्जा है। हालांकि 1994 पीसी1 सिर्फ सुनने में खतरनाक लगता है लेकिन इससे चिंता करने की कोई बात नहीं है। CNET के अनुसार इसे देखने के लिए किसी के पास 6 इंच या उससे अधिक व्यास वाले टेलिस्कोप की जरूरत होगी।
पृथ्वी तक पहुंच सकते हैं ऐस्टरॉइड्स
अंतरिक्ष में लाखों की संख्या में ऐस्टरॉइड ( Asteroids) घूम रहे हैं। इनमें से कई हर दिन पृथ्वी के करीब से गुजरते हैं। हालांकि, काफी कम ऐस्टरॉइड ही ऐसे हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कुछ ऐस्टरॉइड्स ऐसे भी हैं, जो बिना नजर में आए पृथ्वी तक पहुंच सकते हैं। ऐसे ऐस्टरॉइड्स से पृथ्वी को खतरा भी हो सकता है।
2019 में पृथ्वी से करीब से गुजरा था विशालकाय ऐस्टरॉइड
वैज्ञानिकों ने कहा कि जिस तरह से पृथ्वी घूमती है और सूर्य की परिक्रमा करती है, उससे रात में हमारी ओर आने वाली वस्तुएं कम्प्यूटरीकृत दूरबीनों के एक नेटवर्क से बचकर निकल सकती हैं। ऐसा ही एक 100 मीटर लंबा ऐस्टरॉइड चुपके से साल 2019 में पृथ्वी से करीब 43,000 मील की दूरी से गुजरा था। इस ऐस्टरॉइड के पृथ्वी के पास से गुजरने के मात्र 24 घंटे पहले देखा गया था।
धरती पर तबाही मचा चुके हैं कई ऐस्टरॉइड
पृथ्वी पर मानव सभ्यता के जन्म से पहले कई ऐस्‍टरॉइड टकरा चुके हैं। हम जानते हैं कि उन्हीं में से एक Chicxulub ऐस्‍टरॉइड के कारण आज से 6 करोड़ 60 लाख साल पहले धरती से डायनासोर विलुप्त हुए थे। 150 किमी चौड़े इसी ऐस्‍टरॉइड के कारण मैक्सिको की खाड़ी के पास 10 किमी चौड़ा चिक्सुलब क्रेटर बना था। कई ऐस्‍टरॉइड ऐसे भी थे जिनके कारण पृथ्वी की सतह और वायुमंडल को उनका आज वाला स्वरूप मिला था।
आने वाले 100 सालों तक धरती को कोई खतरा नहीं
शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर धरती पर फिर से कोई बड़ा ऐस्‍टरॉइड टकराता है तो इससे न केवल भारी तबाही होगी, बल्कि वातावरण में ऑक्सिजन की मात्रा भी घट जाएगी। ऐसे में मानव जीवन के अस्तित्व पर खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले 100 साल में धरती को किसी बड़े ऐस्‍टरॉइड से कोई खतरा नहीं है।
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