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कोरोना से रिकवर हो चुके दिल्ली के 5 मरीजों के गॉलब्लैडर में गैंगरीन होने का मामला सामने आया है
कोरोना से रिकवर हो चुके दिल्ली के 5 मरीजों के गॉलब्लैडर में गैंगरीन होने का मामला सामने आया है। इनमें 4 पुरुष और एक महिला है। मरीजों की सर्जरी दिल्ली के सरगंगाराम अस्पताल में की गई। डॉक्टर्स का कहना है, संभवत: यह देश का पहला ऐसा मामला है, जब कोरोना को मात देने के बाद मरीज गैंगरीन से जूझ रहे थे।
पांचों मरीजों की सर्जरी हुई
पांचों मरीजों की उम्र 37 से 75 साल के बीच है। हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड गेस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अनिल अरोड़ा का कहना है, जून से अगस्त के बीच ऐसे मरीज देखे गए हैं। पांचों मरीजों की पित्त की थैली गल गई थी। इसमें से चार मरीज ऐसे थे, जिनकी थैली फट चुकी थी। इसलिए और तुरंत सर्जरी कर इनकी जान बचाई गई।
गॉलब्लैडर में सूजन थी
डॉ. अनिल अरोड़ा का कहना है, कोविड से रिकवर होने के बाद मरीजों के गॉलब्लैडर में गंभीर सूजन थी। पेट का अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की मदद से मरीज के गॉलब्लैडर में गैंगरीन की पुष्टि हुई। इसके कारण गैंगरीन हुआ और तत्काल सर्जरी की नौबत आई।
इन मरीजों को जब अस्पताल लाया गया तो ये बुखार, पेट में दर्द और उल्टी आने की समस्या से जूझ रहे थे। गॉलब्लैडर में गैंगरीन के 5 मरीजों में से 2 डायबिटीज से परेशान थे और एक हृदय रोगी था। अन्य 3 को कोविड के इलाज के दौरान स्टेरॉयड्स दिए गए थे।
बुखार, दर्द और उल्टी के लक्षण दिखने पर जांच कराएं
सरगंगाराम अस्पताल में पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. शशि धवन का कहना है, कोविड से रिकवरी के बाद भी लक्षणों पर नजर रखने की जरूरत है। अगर ऐसे मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर जांच कराएं और डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
कंसल्टेंट गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण शर्मा का कहना है, अगर समय से गैंगरीन का पता चलता है तो एंटीबायोटिक्स की मदद से गॉलब्लैडर को डैमेज होने से रोका जा सकता है।
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