विज्ञान

रोहिणी से LVM3 तक, रॉकेट नामों के लिए इसरो की बदल रही नीति

Teja
25 Oct 2022 12:14 PM GMT
रोहिणी से LVM3 तक, रॉकेट नामों के लिए इसरो की बदल रही नीति
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रोहिणी जैसे नामों से अपने ध्वनि रॉकेट के लिए, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने भारी-भरकम रॉकेट को तीन अक्षर और एक संख्या के साथ नाम दिया है - जैसे LVM3।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आधी रात को जब लोग सो रहे थे उसी दौरान 36 सैटेलाइट लेकर भारत का 'बाहुबली' आसमान की ओर उड़ चला और एक नया इतिहास रच दिया। जी हां, इसरो का सबसे भारी रॉकेट अपने पहले कॉमर्शियल मिशन में कामयाब रहा। भारत का सबसे भारी रॉकेट 43.5 मीटर लंबा जियोसिन्क्रोनस सैटलाइट लॉन्च वीइकल-मार्क3 ( GSLV-Mk3) जिसे अब LVM3 (Launch Vehicle Mark 3) के नाम से भी जाना जाता है, कॉमर्शियल मार्केट में डेब्यू करने जा रहा था। अपने पहले कॉमर्शियल मिशन पर इसे वनवेब के 36 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करना था, जिसमें वह सफल हुआ। यह पहली बार था जब भारत के सबसे भारी रॉकेट कॉमर्शियल मिशन के लिए LVM3 द्वारा उड़ान भरी गई।

इसरो ने वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में रखा बड़ा कदम
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने इस क्रम में शनिवार-रविवार आधी रात बाद 12 बजकर 7 मिनट पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। इसी के साथ इसरो ने वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में बड़ा कदम रखा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के सबसे भारी रॉकेट 43.5 मीटर लंबे एलवीएम-3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) ने ब्रिटिश स्टार्टअप के 36 उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी।
PM मोदी ने LVM-3 के सफल प्रक्षेपण पर दी बधाई
पीएम मोदी ने इसरो के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी है। इस संबंध में उन्होंने रविवार को ट्वीट संदेश में कहा कि वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए बने 36 वनवेब उपग्रहों के साथ हमारे सबसे भारी प्रक्षेपण यान LVM-3 के सफल प्रक्षेपण पर न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई। LVM-3 आत्मनिर्भरता का उदाहरण है और वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाता है।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से किया गया प्रक्षेपण
उल्लेखनीय है कि प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से किया गया। एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन के तहत इन संचार उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित किया गया। 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को ले जाने में LMV-3 सक्षम है।
चहक उठे इसरो चीफ
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने प्रक्षेपण पर खुशी जताते हुए कहा कि सैटेलाइट जब रॉकेट से अलग हुए तो उन्हें श्रीहरिकोटा से देखा जा सकता था। जैसे ही 16 रॉकेट के पहले 4 बैच रॉकेट से अलग हुए, इसरो चीफ एस. सोमनाथ खुशी से चहक उठे। वह बोल उठे, 'हमने दिवाली का जश्न पहले ही शुरू कर दिया है। अब रॉकेट उसी रास्ते पर है, जैसा हम चाहते थे।'
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, दुनिया में उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए रॉकेट की कमी है। ऐसे में भारत अपने LVM-3 रॉकेट के साथ वैश्विक वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में इस कमी को दूर कर सकता है। वनवेब निजी उपग्रह संचार कंपनी है। भारत की कंपनी भारती एंटरप्राइजेज वनवेब में एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है। इस प्रक्षेपण के साथ ही 'एलवीएम-3' वैश्विक वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में कदम रखेगा।

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