विज्ञान

पहली बार वैज्ञानिकों ने करीब से देखा बुध ग्रह, नजर आए 166 किमी चौड़े खड्ढे, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने दी जानकारी

Rani Sahu
3 Oct 2021 10:31 AM GMT
पहली बार वैज्ञानिकों ने करीब से देखा बुध ग्रह, नजर आए 166 किमी चौड़े खड्ढे, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने दी जानकारी
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अंतरिक्ष में चंद्रमा और मंगल वैज्ञानिकों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय ग्रह हैं

अंतरिक्ष में चंद्रमा और मंगल वैज्ञानिकों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय ग्रह हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन दोनों पर जीवन की संभावनाएं सबसे ज्यादा है। हालांकि वैज्ञानिकों की नजर अन्य ग्रहों पर भी रहती है। इसी कड़ी में यूरोप और जापान के वैज्ञानिकों ने बुध ग्रह की तस्वीर खींचने में कामयाबी हासिल की है। यूरोप और जापान के एक संयुक्त अंतरिक्ष यान को बुध ग्रह की पहली झलक मिली है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी।

बुध ग्रह पर 166 किमी चौड़ा खड्ढ
अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक बेपीकोलंबो अभियान शुक्रवार को बुध ग्रह के गुरुत्व का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष यान को उसकी कक्षा में थोड़ा नीचे तक ले गया। करीब 200 किमी की ऊंचाई पर आने के बाद अंतरिक्ष यान ने निगरानी कैमरों से बुध ग्रह की एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर ली। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इस तस्वीर से यह प्रदर्शित होता है कि बुध ग्रह पर जगह-जगह विशाल खड्ड हैं, जिनमें 166 किमी चौड़ा लेरमोनटोव क्रेटर (ज्वालामुखी विस्फोट से बना खड्ढ) भी शामिल है।
आईएसएस पर मौजूद यूरोप और जापान के वैज्ञानिक
बुध हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है। इस संयुक्त मिशन का नाम इटली के वैज्ञानिक Giuseppe Bepi Colombo के नाम पर रखा गया है। यह 2018 में लॉन्च किया गया था और 2025 तक सतह पर दो जांच भेजेगा। यूरोपीय स्पेस एजेंसी और जापानी स्पेस एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री इस समय अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मौजूद सात वैज्ञानिकों में से एक हैं।
रूस की लापरवाही से बाल-बाल बचे
कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि अंतरिक्ष में वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए बनाया गया अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) रूस की लापरवाही से कुछ समय के लिए आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था। जिसके बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने बड़ी मुश्किल से आईएसएस पर दोबारा नियंत्रण स्थापित किया। यह घटना तब हुई जब रूस की नउका लैब मॉड्यूल आईएसएस से कनेक्ट हो रही थी।


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