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कोरोना काल में सामान्य मरीजों के लिए अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना काल में सामान्य मरीजों के लिए अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है। किसी भी चीज की समस्या होने पर ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। ये लोग फिट ही नहीं मिल रहे हैं। दो दिन भर्ती रहने के बाद अस्पतालों की ओर से ऑपरेशन को मना कर दिया जा रहा है। इसके पीछे फेफड़े और दिल का कमजोर होना बताया जा रहा है। ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। अहम बात है कि नौजवानों में भी ऐसी शिकायत सामने आ रही हैं।
एनेस्थीसिया विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें फेफड़े की पीएफटी जांच बेहद खराब रिजल्ट दे रही है। डॉ. रोहित तिवारी के मुताबिक सीटी स्कैन कराने पर कोरोना के पुराने पैच मिल रहे हैं जबकि मरीज के मुताबिक वह महामारी की चपेट में कभी आया ही नहीं था।
संभव है ऐसे मरीजों को कोरोना हुआ हो मगर पता ही न चल पाया हो। उधर, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अपूर्व अग्रवाल का कहना है कि यह बड़ी समस्या है। ऑपरेशन कराने वालों में अनफिट होने वालों की संख्या सामान्य तौर पर मिल रही है। सभी के फेफड़े और दिल कमजोर मिल रहे हैं। ऐसी दिक्कत कोरोना की वजह से ही हुई है।
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