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विशेषज्ञों ने कहा- आखिर क्यों इतना घातक है कोरोना का नया स्ट्रेन? जानें

Deepa Sahu
22 April 2021 12:15 PM GMT
विशेषज्ञों ने कहा-  आखिर क्यों इतना घातक है कोरोना का नया स्ट्रेन? जानें
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कोरोना वायरस के देशभर में तेजी से बढ़ते जा रहे

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोरोना वायरस के देशभर में तेजी से बढ़ते जा रहे मामले लगातार सुर्खियों में हैं। इन सब के बीच आपने भी कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बारे में सुना होगा। नया स्ट्रेन, मतलब कोरोना वायरस का एक नया रूप। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर कोरोना का यह नया स्ट्रेन क्या है, साथ ही यह पुराने स्ट्रेन से कितना अलग और कितना प्रभावी है। इस आर्टिकल में आपको इस बारे में सारी जानकारियां दी जाएंगी। भारत में पाया गया कोविड-19 का नए डबल म्यूटेंट वायरस को काफी प्रभावी माना जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह कोविड-19 संक्रमण से चल रहे भारत की लड़ाई को भी प्रभावित कर सकता है। इस वायरस को 70 गुना अधिक संक्रामक माना गया है। आइए जानते हैं कि पुराने वायरस के मुकाबले यह कितना अलग और प्रभावी है साथ ही इससे मुकाबले के लिए किस तरह के एहतियात बरतने की जरूरत हो सकती है।

नया स्ट्रेन कितना अलग है?
एक बातचीत के दौरान डॉ सिद्धार्थ बताते हैं कि सर्दी-खांसी और बुखार को कोविड-19 वायरस का प्रमुख लक्षण माना जाता रहा है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि वायरस का नया स्ट्रेन अधिक प्रभावशाली तरीकों से शरीर पर हमला बोलता है। नए स्ट्रेन से संक्रमित लोगों में बुखार अधिक गंभीर रूप से देखा गया है। इसके अलावा नए स्ट्रेन सुनने में समस्या, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा में संक्रमण और दृष्टि संबंधी विकार जैसे कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा रहे हैं।
क्या होता है म्यूटेशन और स्ट्रेन
वायरस और अन्य रोगजनकों में म्यूटेशन होना स्वाभाविक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार वायरस अपनी प्रतिकृति बनाता रहता है, इन परिवर्तनों को "म्यूटेशन" कहा जाता है। जब वायरस एक या उससे अधिक म्यूटेशन कर लेता है, तो इन बदलावों को मूल वायरस के वैरियंट्स के रूप में जाना जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इन परिवर्तनों के दौरान वायरस के जीन में भी अंतर हो सकता है, जो उन्हें स्वस्थ कोशिकाओं को पार करने लोगों को अधिक प्रभाविता से संक्रमित करने के योग्य बनाता है।
डबल म्यूटेशन क्या है?
अब तक मिले कोरोना के तीन नए वेरिएंट को सबसे अधिक जोखिम वाला माना जा रहा है। ये यूके (बी.1.1.7 वेरिएंट), दक्षिण अफ्रीका (बी.1.351 वेरिएंट) और ब्राजील (B.1.1.28.1) के वेरियंट्स। अब बात करते हैं डबल म्यूटेशन की। जब वायरस के दो परिवर्तन किसी एक तीसरे सुपर संक्रामक स्ट्रेन बनाने के लिए एक साथ आते हैं तो इसे डबल म्यूटेशन माना जाता है।
कैसे करें बचाव
नए स्ट्रेनों की प्रकृति को समझने के लिए अभी और अध्ययनों की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को कोरोना के टीके के दोनों शॉट अब तक नहीं मिले है उन्हें इसका जोखिम अधिक है। ऐसे लोगों को संक्रमण से बचने के लिए बताए गए सभी उपायों का सख्ती से पालन करना चाहिए। फिलहाल बचाव का सबसे प्रभावी तरीका यही हो सकता है।

डॉ सिद्धार्थ गुप्ता

एंटी कोरोना टास्क फोर्स, नोएडा

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