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कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी, जानिए कितने सुरक्षित हैं आपके बच्चे?

Shiddhant Shriwas
12 Oct 2021 12:08 PM GMT
कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी, जानिए कितने सुरक्षित हैं आपके बच्चे?
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देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। कई रिपोर्टस में कहा जा रहा है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। कई रिपोर्टस में कहा जा रहा है कि संभावित तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा देखने को मिल सकता है। इसके पीछे बच्चों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता न हो पाने को एक कारण के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अब ऐसे सवालों पर पूर्णविराम लग गया है। देश में 2 से 18 साल के बच्चों के लिए पहली वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। मंगलवार को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने बच्चों के लिए कोवाक्सिन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।

बच्चे कोरोना से कितने सुरक्षित हैं, इस बारे में तमाम सर्वे किए जा चुके हैं। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने एक सीरो सर्वे की रिपोर्ट में बताया है कि यहां तकरीबन 51 फीसदी बच्चों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज मिली है। यह सर्वे 18 साल तक के बच्चों पर किया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस सर्वे के दो मायने हैं। पहला- मुंबई में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों को कोरोना का संक्रमण हो चुका है और दूसरा जिन बच्चों को संक्रमण हुआ है उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज पाई गई हैं। ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है तो इन बच्चों को काफी हद तक सुरक्षित माना जा सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

मुंबई के आधे से ज्यादा बच्चों में पाई गईं सुरक्षात्मक एंटीबॉडीज

इस सीरो सर्वे के लिए मुंबई के 24 वार्ड से 2176 ब्लड सैंपल एकत्रित किए गए थे। 1 अप्रैल 2021 से 15 जून 2021 के बीच यह सर्वे किया गया। सैपल के अध्ययन के दौरान पाया गया कि 10-14 साल की आयु वाले बच्चे सबसे ज्यादा (53.43 फीसदी) संक्रमित हुए। हालांकि सीरो सर्वे का कुल औसत देखा जाए तो 51.18 बच्चों में एंटीबॉडीज पाई गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन बच्चों के शरीर में बनी एंटीबॉडीज अगले संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार साबित होंगी।

10-14 आयु वर्ग वाले बच्चों हुए ज्यादा संक्रमित

बीएमसी का यह चौथा सीरो सर्वे था। इसमें जांचकर्ताओं ने उम्र के आधार पर समूहों को बांटा। जांच में सबसे ज्यादा 10-14 आयु वर्ग वाले 53.43 फीसदी बच्चों को संक्रमित पाया गया। वहीं

1-4 साल की उम्र वाले बच्चों में 51.04, 5-9 साल के बच्चों में 47.33, 10-14 आयु वर्ग वाले बच्चों में 53.43 जबकि 15-18 आयु वर्ग वाले बच्चों में संक्रमण की दर 51.39 फीसदी की पाई गई। इस हिसाब से एक औसत निकालें तो 18 साल तक 51.18 फीसदी बच्चों को कोरोना से संक्रमित पाया गया।

क्या कहते हैं असम के आंकड़े

मुंबई के अलावा असम से बच्चों के संक्रमण की आई रिपोर्ट में दूसरी लहर के दौरान 34,606 बच्चों को कोरोना से संक्रमित रहने की बात कही जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दूसरी लहर में 18 वर्ष से कम उम्र के 34 से ज्यादा बच्चों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, असम की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि 1 अप्रैल से 26 जून के बीच 2.8 लाख कोविड पॉजिटिव मामलों में से 34,606 मामले बच्चों के हैं। 5 साल से कम आयु के कुल 5,755 बच्चे संक्रमित हुए जबकि 6-18 की आयु वर्ग में यह आंकड़ा 28,851 का है।

क्या हैं इन रिपोर्टस के मायने

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सर्वेक्षण के परिणामों को तीसरी लहर को देखते हुए अच्छा संकेत माना जा सकता है। जो बच्चे अब तक कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं उनमें से अधिकांश बच्चों ने वायरस के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित कर ली है जो अगले चार या पांच महीनों तक उनकी रक्षा करेगी। ऐसे बच्चों को तीसरी लहर के खिलाफ काफी हद तक सुरक्षित माना जा सकता है। उम्मीद है कि तीसरी लहर का यह बच्चे आसानी से मुकाबला कर सकेंगे।

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