विज्ञान

पर्यावरण परिवर्तन का असर: एक ऐसा जीव, ज्यादा गर्मी के कारण अंडे के अंदर ही जीव का हुआ लिंग परिवर्तन

jantaserishta.com
19 April 2021 6:54 AM GMT
पर्यावरण परिवर्तन का असर: एक ऐसा जीव, ज्यादा गर्मी के कारण अंडे के अंदर ही जीव का हुआ लिंग परिवर्तन
x

किसी भी जीव का लिंग निर्धारण उसके पैदा होने से पहले उसकी मां के भ्रूण या अंडे में निर्धारित होता है. लेकिन एक ऐसा जीव भी है, जिसके ऊपर पर्यावरण परिवर्तन का असर ज्यादा हो रहा है. लगातार बढ़ते तापमान की वजह से इन जीवों में मादा की संख्या बढ़ रही है. जानते हैं क्यों? क्योंकि अगर पारा ऊपर चढ़ा तो इस जीव के अंडे से मादा ही निकलेगी. यानी ज्यादा गर्मी आने से अंडे के अंदर ही इस जीव का लिंग परिवर्तन हो गया.

ये एक छिपकली है. जिसे 1960 में कुछ फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने सेनेगल के जंगलों में खोजा था. इसकी खास बात ये होती है इसके चेहरे पर त्वचा की बारीक परतों से बनी हुई ढाढ़ी होती है. इसलिए इसे बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) या पोगोना विट्टीसेप्स (Pogona Vitticeps) कहते हैं. अगर इस छिपकली के अंडे बाहर हैं और तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है. तब होता है प्राकृतिक बदलाव. यानी अंडे में पहले नर भ्रूण था, जो अब मादा बनने वाला है.
जैसे ही वातावरण में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर जाता है नर बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) अपने अंडों को सेता है. ऐसा हर नर जीव नहीं करते. कुछ प्रजातियों के जीवों में यह जिम्मेदारी भी नर को उठानी पड़ती है. यही से शुरू होता है अंडों में सेक्स चेंज का प्रोग्राम. यानी क्लाइमेट चेंज की वजह से गर्मी बढ़ी. गर्मी से अंडे के अंदर मौजूद जीन्स में बदलाव आया. अंडे के अंदर मौजूद भ्रूण नर से मादा हो गया.
कुछ मछलियां के अंडों के साथ भी ऐसा ही होता है. बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) के नर में दो एक जैसे क्रोमोसोम्स ZZ होता है. जबकि, मादा में ZW होता है. अगर अंडों को ज्यादा गर्मी लगी और उसी समय अंडों की हैचिंग का वक्त आया तो इस अंडे से मादा के निकलने के चांस ज्यादा रहते हैं. यानी इस जीव की प्रजाति में मादा जीव के विकसित होने के दो तरीके हैं.
बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) में मादा छिपकली के पैदा होने का प्राकृतिक तरीका यानी अंडे से सीधे मादा छिपकली ही निकली. दूसरा ये हो गया कि अगर अंडे में नर जीव के क्रोमोसोम्स वाला भ्रूण है तो वह ज्यादा गर्मी पाकर महिला के जीन्स में बदल सकता है. इस पहेली ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को करीब आधी सदी तक परेशान रखा.
इस जांचने के लिए ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा यूनिवर्सिटी की जेनेटिक साइंटिस्ट सारा व्हाइटली और उनकी टीम ने एक प्रयोग किया. उन्होंने बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) की जेनेटिक सिक्वेंसिंग की. एक सिक्वेंसिंग की गई 28 डिग्री सेल्सियस के तापमान में. यानी जो नर क्रोमोसोम्स ZZ को विकसित करने में मदद करेगा. दूसरी सिक्वेंसिंग भी ZZ क्रोमोसोम्स की ही की गई लेकिन तापमान था 36 डिग्री सेल्सियस.
सारा और उनकी टीम यह देखकर हैरान हो गई कि ZZ क्रोमोसोम्स के जरिए गर्मी में बनने वाली मादा और सामान्य मादा छिपकली के सक्रिय जीन्स में अंतर है. यह बदलाव लिंग परिवर्तन वाले क्रोमोसोम्स में देखे गए. यानी बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) के नर क्रोमोसोम्स ZZ से ही इस प्रजाति की मादा भी बन सकती है, बस उसे पर्याप्त गर्मी मिलनी चाहिए.
ZZ क्रोमोसोम्स के आधार पर गर्मी के जरिए बनने वाली बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) मादा छिपकली के अंदर वो जीन्स बंद हो जाते हैं जो नर संबंधी विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं. लेकिन यही जीन्स मादा संबंधी विकास को पूरा करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं. यह परिवर्तन तेजी से क्लाइमेट चेंज की वजह से आया है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि बियर्डेड ड्रैगन (Bearded Dragon) यानी पोगोना विट्टीसेप्स (Pogona Vitticeps) दुनिया में सबसे ज्यादा पाला जाने वाला घरेलू छिपकली है. इसका मजबूत शरीर और ज्यादा ध्यान न रखने की जरूरत ही इसे लोगों की पसंदीदा छिपकली बनाती है.
पोगोना विट्टीसेप्स (Pogona Vitticeps) का जीवन करीब 20 साल होता है अगर ये शिकारियों और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहे तो. लेकिन आमतौर पर ऐसा होता नहीं है. इनका जीवन किसी ने किसी शिकारी के हाथों खत्म हो जाता है.

Next Story