विज्ञान

अंतरिक्ष में मिला धरती का 'दोस्‍त', 4000 साल तक साथ-साथ लगाता रहेगा चक्‍कर

Tulsi Rao
8 Feb 2022 9:40 AM GMT
अंतरिक्ष में मिला धरती का दोस्‍त, 4000 साल तक साथ-साथ लगाता रहेगा चक्‍कर
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतर‍िक्ष में सूरज का चक्‍कर लगा रही हमारी धरती अकेली नहीं है। धरती का एक दोस्‍त भी है जो उसी की एक कक्षा में रहकर चक्‍कर लगा रहा है। धरती के इस दोस्‍त को वैज्ञानिकों ने 'अर्थ ट्रोजन ऐस्‍टरॉइड' नाम दिया है। सबसे पहले साल 2020 में इस ऐस्‍टरॉइड की खोज हुई थी। खगोलविदों को लगा था कि उन्‍हें कुछ अनोखी चीज मिल गई है। अब शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि यह एक अर्थ ट्रोजन ऐस्‍टरॉइड है। उन्‍होंने कहा कि यह ऐस्‍टरॉइड अगले 4 हजार साल तक पृथ्‍वी के साथ चक्‍कर लगाता रहेगा।

धरती के साथ चक्‍कर लगा रहा यह दूसरा और सबसे बड़ा ऐस्‍टरॉइड है। ट्रोजन ऐस्‍टरॉइड छोटी आसमानी चट्टानें होती हैं जो एक ग्रह के साथ परिक्रम पथ को साझा करते हैं। अब तक अंतरिक्ष में हमारे सोलर सिस्‍टम और उसके बाहर अन्‍य ग्रहों के ट्रोजन ऐस्‍टरॉइड की खोज हुई थी। अब धरती के एक भी एक दोस्‍त की खोज हुई है। इससे साल 2010 में भी एक ऑब्‍जेक्‍ट 2010 TK7 की खोज हुई थी जो धरती के साथ ही उसी परिक्रमा पथ में चक्‍कर लगा रहा था।
धरती की कक्षा में रहकर सूरज के चक्‍कर लगा रहा
अब ताजा शोध में वैज्ञानिकों को साल 2020 में एक ऐस्‍टरॉइड मिला था जिसे 2020 XL5 नाम दिया गया है। इसे अर्थ ट्रोजन ऐस्‍टरॉइड के नाम से बुलाया जा रहा है। हालांकि यह बहुत छोटा है लेकिन धरती की कक्षा में रहकर ही चक्‍कर लगा रहा है। शोध के लेखक टोनी संताना रोस ने कहा, 'अर्थ ट्रोजन के रूप में 2020 XL5 की खोज इस बात की पुष्टि करता है कि 2010 TK7 एक दुर्लभ मामला नहीं है।3
टोनी ने कहा कि इस बात की संभावना है कि ऐसे कई ऐस्‍टरॉइड मौजूद हैं। रोस ने कहा कि यह हमें इस बात के लिए प्रेरित कर रहा है कि हमें अपनी निगरानी को और ज्‍यादा बढ़ाना होगा। दिसंबर 2020 में खगोलविदों ने 2020 XL5 की खोज Pan-STARRS 1 सर्वे टेलिस्‍कोप से की थी। यह टेलिस्‍कोप हवाई में स्थित है। 2020 XL5 धरती की कक्षा में रहकर सूरज के चक्‍कर लगा रहा है।


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