विज्ञान

ऑस्ट्रेलिया के तटों पर मिले दर्जनों बिना सिर के पेंग्विंस, वैजानिक खोज रहे इसकी वजह 

Tulsi Rao
30 April 2022 3:51 PM GMT
ऑस्ट्रेलिया के तटों पर मिले दर्जनों बिना सिर के पेंग्विंस, वैजानिक खोज रहे इसकी वजह 
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के समुद्र तटों पर बेहद हैरान कर देने वाला नज़ारा दिखाई दिया है. यहां दर्जनों पेंग्विन (Penguin) बहकर आ रहे हैं, जिनके सिर कलम किए हुए हैं. पैंग्विंस की ये दशा देखकर वैज्ञानिक परेशान हैं. वो जांच कर रहे हैं कि आखिर इतने सारे पैंग्विन के सिर कटने की वजह क्या है.

सिर्फ अप्रैल के महीने में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया (South Australia) के फ्लेरीयू प्रायद्वीप (Fleurieu Peninsula) में समुद्र तटों पर लगभग 20 पेंग्विंस के शव मिले. 2021 में इस इलाके में पेंग्विंस की जितनी मौतें हुईं, ये आंकड़ा उससे कहीं ज़्यादा है.
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में, स्टीफन हेजेस (Stephen Hedges) इन मृत पैंग्विंस के शवों को इकट्ठा कर रहे हैं ताकि इनका अध्ययन किया जा सके. यह पता चल सके कि इनके सिर क्यों कटे हैं. कैसे कटे हैं. इसके पीछे की वजह क्या है.
वैज्ञानिक पेंग्विन की मौत की वजह खोज रहे हैं (फोटो: गेटी)
समुद्र के किनारों पर पैंग्विन के शरीर ही नहीं उनके कटे हुए सिर भी मिल रहे हैं. इस मामले में इंसानों का हाथ होने की संभावना को खारिज कर दिया गया है, क्योंकि ये मौतें समुद्र में हो रही हैं. लेकिन स्टीफन हेजेस ने इस बात की संभावना जताई है कि इस इलाके में बड़ी संख्या में जहाज हैं. मछली पकड़ने वाली नाव के पंखे (Propellers) मौतों का कारण हो सकते हैं
.उन्होंने कहा कि हमें समुद्र तटों पर आम तौर पर हर महीने एक या दो मृत पेंग्विन मिलते हैं, लेकिन अप्रैल में ही हमें 15 से 20 के बीच शव मिले हैं. कभी-कभी तो एक दिन में तीन शव भी मिले हैं. वैज्ञनिकों का कहना है कि पेंग्विन के सिर एक ही बार में अलग किए गए हैं.
मौत की असल वजह सामने आने में 2-3 सप्ताह लगेंगे
स्टीफन हेजेस का कहना है कि एनकाउंटर बे (Encounter Bay) के पास हाल ही में मछली पकड़ने की प्रतियोगिता हुई थी, जिसमें नावों के आसपास पेंग्विन को आकर्षित किया होगा. इसके अलावा, पेंग्विन की हत्याओं के पीछे पर्यटन भी एक कारण हो सकता है. क्योंकि ईस्टर और वीकेंड की वजह से इस इलाके में बहुत सारे पर्यटक आए थे.
कई पर्यटक अपने कुत्तों के साथ समुद्र के किनारों पर घूम रहे थे. इसके अलावा ये काम लोमड़ियों का भी हो सकता है. हालांकि, वैज्ञानिकों को इसका असल कारण खोजने में दो या तीन सप्ताह लगेंगे.

Next Story